लाल किला की प्राचीर से पीएम मोदी ने किया पंचप्रण का आह्वान,

in #pm2 years ago

PM Modi at Red Fort: आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किला की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इस मौके पर देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले वर्षों में, हमें ‘पंचप्रण’ पर ध्यान देना होगा- पहला, विकसित भारत के बड़े संकल्पों और संकल्प के साथ आगे बढ़ना; दूसरा, दासता के सभी निशान मिटा दें; तीसरा, हमारी विरासत पर गर्व करें; चौथा, एकता की ताकत और पांचवां, नागरिकों के कर्तव्य जिनमें पीएम और सीएम शामिल हैं.नई दिल्ली. आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के सामने पांच प्रण लेने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत का. उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए. इसके लिए हमें पांच प्रण लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में, हमें ‘पंचप्रण’ पर ध्यान देना होगा. ये पंचप्रण हैं- पहला, विकसित भारत के बड़े संकल्पों और संकल्प के साथ आगे बढ़ना; दूसरा, दासता के सभी निशान मिटा दें; तीसरा, हमारी विरासत पर गर्व करें; चौथा, एकता की ताकत और पांचवां, नागरिकों के कर्तव्य जिनमें पीएम और सीएम शामिल हैं. आने वाले 25 साल के लिए हमें ‘पंच प्रण’ पर अपनी शक्ति, संकल्पों और सामर्थ्य को केंद्रित करना होगा.
पहला प्रण है भारत के बड़े संकल्पों के साथ आगे बढ़ना. अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए.
दूसरा प्रण है किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना है. सैकड़ों साल की गुलामी के कारण भारत को गहरी चोटें लगी हैं. लेकिन हमें इससे उबरना चाहिए.
तीसरी प्रण शक्ति- हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए. हिंदुस्तान के हर कोने में उन सभी महापुरुषों को याद करने का प्रयास किया गया, जिनको किसी न किसी कारणवश इतिहास में जगह न मिली, या उनकों भुला दिया गया था. आज देश ने खोज खोज कर ऐसे वीरों, महापुरुषों, बलिदानियों, सत्याग्रहियों को याद किया, नमन किया.
चौथा प्रण है- एकता और एकजुटता. अगर बेटा-बेटी एकसमान न हो तो एकता की भावना जागृत नहीं हो सकती. इसके लिए इंडिया फर्स्ट का पालन करना चाहिए. इसमें श्रमिकों का सम्मान जरूरी है.
पांचवां प्रण है- नागरिकों का कर्तव्य, इसमें प्रधानमंत्री भी बाहर नहीं होता है, राष्ट्रपति भी बाहर नहीं है. हमें देश के नागरिक के रूप में अपना सही कर्तव्य पूरा करना चाहिए. देश में आज हम देख रहे हैं कि नारी के प्रति हमारा कर्तव्य सही नहीं है. इसे हमें हर हाल में खत्म करना होगा.
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