पीलीभीत पहुंचे सांसद वरुण गांधी, हुआ भव्य स्वागत

in #pilibhit2 years ago

पीलीभीत। शनिवार को दिल्ली से दो दिवसीय दौरे पर पीलीभीत पहुंचे सांसद वरुण गांधी का खमरिया पुल पर भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान सैकड़ो गाडियों से स्वागत के लिए पहुंचे हजारों कार्यकर्ताओं ने बड़ी- बड़ी फूल मालाएं पहनाकर वरूण गांधी ज़िंदाबाद के खूब नारे लगाए। इस दौरान काफी देर तक जाम की स्थिति बनी रही। कार्यकर्ताओ के जोश/उत्साह को देखकर वरुण गांधी काफी खुश नजर आए। उसके बाद सकड़ों गाड़ियों काफिला शंकर सॉल्वेंट पहुंचा जहां सांसद ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
अपने संवाद कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि कि राजनीति देश खड़ा करने का साधन है जो मुद्दे उन्होंने उठाए वे राष्ट्रहित के मुद्दे थे और ऐसे मुद्दों को वह मरते दम तक उठाते रहेंगे और देश के लिए जो भी त्याग करना पड़ेगा पीछे नहीं हटेंगे।
बोले कि भ्रष्टाचार बेरोजगारी आदि समस्याओं पर जब अन्ना हजारे का आंदोलन हुआ था तो वह अकेले ऐसे सांसद थे जो सबसे पहले वहां जाकर बैठे थे और जब किसानों का आंदोलन था तो भी उन्होंने सबसे पहले समर्थन किया।हमारे देश की असली लड़ाई रोजगार और भ्रष्टाचार की लड़ाई है। यह समय चिंतन करने का है। राजनीतिक दल और नेताओं को आपसी प्रतिधंदता छोड़ कर देश के भविष्य के लिए सोचना चाहिए और राष्ट्र का भविष्य भाषण से, चुनाव जीतने हारने से नही बनता है बल्कि सच्ची देश सेवा से बनता है।
बोले कि आज सरकार जो हमारी है सारे देश में डेढ़ करोड़ नौकरियां खाली है जो भरी नहीं जा रही है, नौजवान खाली पेट बेरोजगारी की मार झेलता घूम रहा है।करोड़ों बेरोजगारों को नहीं पता कि आगे उनके साथ क्या होने वाला है। कहा कि हमारी लड़ाई रोजगार और आर्थिक समानता की है। हमारा संविधान यह कहता है कि सब को समान आर्थिक अवसर मिलना चाहिए जो तब मिलेगा जब हर हाथ में काम मिलेगा। चलिए अकाउंट में पैसे नहीं आए, दो करोड़ नौकरियां मिलनी थी नहीं मिली, किसान की जो आय दुगनी होनी थी नहीं हुई। यह बातें मैं नहीं रख रहा हूं यह बातें रखी गई थी। हम यह नहीं कह रहे हैं की नई नौकरियां पैदा की जाए लेकिन जो पहले से घोषित हैं उनकी भरपाई तो होनी चाहिए और यह सरकार का दायित्व है, जिम्मेदारी है, यह कोई दया नहीं है, अगर इस पर अमल हो गया तो सोचिए ढाई करोड़ परिवार सशक्त होंगे और इसका मतलब 10 करोड़ लोग खुशहाल जिंदगी जी सकेंगे।
वरुण गांधी ने कहा कि मैं चिंतित हूं देश के भविष्य के लिए। यहां तो सपने बड़े और साधन सीमित कर दिए गए हैं। जब निजीकरण होगा तो नौकरिया भी सीमित होंगी, बेरोजगारी और बढ़ेगी। कहा कि हम सब को मिलकर देश को खड़ा करने की लड़ाई लड़नी होगी। राजनीति देश को खड़ा करने का एक साधन है लेकिन जब राजनीति अपने आप में पेशा बन जाता है तो राजनीति अभिशाप बन जाता है। कहा की वह राजनीति में व्यापारी करण के सख्त खिलाफ हैं। बोले कि जीवन में अगर हम लोगों को कुछ बड़ा करना है तो देश के लिए त्याग करने के लिए तैयार रहना होगा और हम संकल्पित हैं इस राष्ट्र इस देश के लिए तभी असली मुद्दों की बात कर रहे हैं। बोले कि हिंदू मुस्लिम कोई मुद्दा नहीं है, यह मुद्दा केवल इसलिए है कि असली मुद्दों पर ध्यान ना दिया जाए। कहा कि वह आम लोगों की राजनीति करते हैं मेहनतकश लोगों, किसान मजदूर नौजवान, छोटे व्यापारियों, दबे कुचलो की राजनीति करते हैं क्योंकि जब तक यह वर्ग खड़ा नहीं होगा तब तक हमारे सपने सपने ही रह जाएंगे। वह चाहते हैं कि आप ऐसी राजनीति का साथ दें जिस राजनीति में सभ्यता और राष्ट्रभक्ति की गूंज हो
इसके बाद उन्होंने जनसुनवाई की।तत्पश्चात वह भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष स्वर्गीय योगेंद्र सिंह गंगवार के आवास पर गए और शोककुल परिवार से मिल कर अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की।
इस अवसर पर भाजपा नेता व जिला पंचायत सदस्य हरिओम राठौर, गुड्डू गंगवार, दिग्विजय, राजेश गंगवार, परमेश्वरी दयाल गंगवार, भूपराम गंगवार, रमेश लोधी, रूपेश गंगवार, राजू आचार्य, राजेश सिंह, सतनाम सिंह प्रेमशंकर, मनोज वर्मा, सतीश गुप्ता, मिथुन राय, देवी सिंह, मन्नू कश्यप, टीटू चौहान, लोकेश गंगवार, अमित गंगवार, बंटी गुप्ता, अचल दीक्षित, प्रकाश शर्मा राजकुमार भारती, बबलू वर्मा, जगदीश लोधी, कमाल कादरी, नरेंद्र राठौर, शाहबुद्दीन खां, कुलबीर सिंह, टिंकू अग्निहोत्री, इंद्रजीत सिंह बटन, रंजीत सिंह, विनोद अवस्थी, परवेज अंसारी, राम नरेश वर्मा आदि सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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