मनरेगा के प्रावधानों को दबंग प्रधान दे रहे चुनौती

in #pauli2 years ago

पौली ब्लाक के डिहवा ग्राम पंचायत में मजदूरों के बदले जेसीबी खोद रही अमृत जलाशय
धनघटा/संतकबीरनगर। गांवों में भूजल संभरण और जल संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मनरेगा के तहत हर जिले में ७५ अमृत जलाशय खोदने की योजना पर प्रधानों की मनमानी हावी है। विभागीय अधिकारी चुप हैं और मनरेगा के मानकों का तमाशा बन रहा है। अधिकांश गांवों में अमृत जलाशय खोदने का काम जेसीबी के हवाले है। फर्क इतना ही है कि जहां लोकलाज और विपक्ष का डर है वहां तो जेसीबी रात में चलती है लेकिन जहां प्रधान सबल और प्रभावी हैं वहां तो दिन में भी जेसीबी गरजती मिलती है।
पौली विकास खंड के डिहवा में अमृत जलाशय खोदने के लिए बीती शनिवार की रात और रविवार को पूरे दिन दो दो जेसीबी चलती रही। ग्रामीण दूर दूर से अपने दमदार प्रधान की हिम्मत और पकड़ देख कर हैरान होते रहे। डिहवा ग्राम निवासी कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शनिवार की रात में देर रात तक दो जेसीबी पोखरा खुदाई में गरजती रही। रविवार को भी जेसीबी का काम पूरे दिन चला। एक ग्रामीण ने बताया कि दो तीन लोगों ने बीडीओ को सूचना भी दी लेकिन कोई आया ही नहीं। ग्रामवासियों का कहना है कि लगातार तीन दिन की छुट्टी का असली फायदा प्रधान जी उठा रहे हैं और चूंकि सारे अधिकारी छुट्टियां मनाने में मशगूल हैं इसलिए प्रधान जी की मनमानी बेरोकटोक जारी है। डिहवा ग्राम पंचायत के कई मनरेगा मजदूरों ने बताया कि प्रधान जी ने अपने सौ सवा सौ ऐसे चहेतों का जाब कार्ड बनवा रखा है जो कभी काम पर जाते ही नहीं। ऐसे जाबकार्ड ही अधिकांशतः मनरेगा प्रोजेक्टों में काम आते हैं। मनरेगा में श्रम कार्य मजदूरों से ही कराने का नियम है लेकिन पूरे जिले में इस नियम का खुल्लेआम तमाशा बनाया जा रहा है।

  • तिरंगा यात्रा में व्यस्त रहे सीडीओ
    इस बारे में मुख्य विकास अधिकारी से उनके सीयूजी नंबर पर काल की गई तो मोबाइल उनके सुरक्षा कर्मी ने उठाया। उन्होंने बताया कि साहब तिरंगा यात्रा में व्यस्त हैं। फिलहाल उनसे बात संभव नहीं है।