आर्थिक तंगी से जूझ रहा निगम, शहर में ठप्प पड़े विकास कार्य
नगर निगम आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। शहर में विकास कार्य लगभग रुके पड़े हैं। इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार है। निगम पर कांग्रेस विराजमान है जबकि, शहर का विधायक भाजपा से है। सत्ता किसी एक दल के हाथ में नहीं होने से फिलहाल नगर निगम बदहाल स्थिति में है। फंडिग में भी कमी आई है। शहर की जनता त्रिशंकू नेतृत्व में पिस रही है।
पठानकोट नगर निगम की भौगोलिक स्थिति भी त्रिशंकू है। नगर निगम की हदबंदी तीन विधानसभा क्षेत्रों पठानकोट, भोआ और सुजान में पड़ती है। इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों विधायक भी अलग-अलग दलों से हैं जबकि, नगर निगम पर कांग्रेस का परचम लहरा रहा है। ऐसे में निगम के लिए भी स्थिति भी पसोपेश वाली हो गई है। निगम के पास आय के साधन भी सीमित हैं। नगर निगम की अलग-अलग ब्रांचों के लिए टारगेट पूरा करना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में विकास कार्य तो दूर की बात जीएसटी से मिलने वाली राशि को जोड़कर फिलहाल केवल निगम कर्मचारियों का वेतन ही निकल पा रहा है। नगर निगम के अब तक के बजट वर्ष कुल बजट प्राप्त किया राजस्व कितना लक्ष्य प्राप्त किया
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