एलएसी पर सेना का शक्ति प्रदर्शन, 'पर्वत प्रहार' युद्ध अभ्यास के साथ परखी अपनी सैन्य तैयारी

in #parvat2 years ago

पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी (LAC) पर चीन के साथ भले ही डिसइंगेजमेंट हो गया है लेकिन भारतीय सेना पूरी तरह अलर्ट है. शनिवार को थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे की मौजूदगी में भारतीय सेना ने लद्दाख में पर्वत प्रहार एक्सरसाइज के जरिए अपनी ऑपरेशनल तैयारियों को परखा.
भारतीय सेना ने एक संक्षिप्त बयान जारी कर बताया कि अपनी दो दिन के लद्दाख सेक्टर के दौरे के दौरान थलसेना प्रमुख जनरल पांडे ने पर्वत-प्रहार य़ुद्धाभ्यास को देखा. एक्सरसाइज के दौरान बॉर्डर पर तैनात सैन्य कमांडर्स ने थलसेना प्रमुख को ऑपरेशनल तैयारियों की जानकारी दी. जनरल पांडे ने सेना के अधिकारियों और सैनिकों के साथ बातचीत की उनके दृढ़ता और पेशेवर मानकों के लिए उनकी सराहना भी की.सेना ने एक्सरसाइज की तस्वीरें जारी की, इन तस्वीरों में साफ तौर से चिनूक हेलीकॉप्टर को जीप को आसमान में ले जाते देखा जा सकते है. साथ ही के-9 वज्र और बोफोर्स तोप, बीएम-ग्रेड मल्टी रॉकेट लॉन्चर, टी-90 भीष्म टैंक और बीएमपी व्हीकल देखी जा सकती है. इसके अलावा एक झील में सैनिक एम्फीबियस-अटैक करते हुए देखे जा सकते हैं. लद्दाख के उंचे पहाड़ों पर सैनिक अपने हथियार और स्टोर्स के साथ चढ़ते देखे जा सकते हैं. जनरल पांडे खुद सेना की नई एटीवी जीप में सवार दिखाई पड़ रहे हैं. सिंतबर यानि शुक्रवार को ही भारत और चीन की सेनाएं पूर्वी लद्दाख के गोगरा-हॉट स्प्रिंग के पैट्रोलिंग पॉइंट 15 पर डिसइंगेजमेंट यानि सैनिकों को पीछे हटाने के लिए तैयार हुईं थी. डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया 12 सिंतबर तक पूरी हो जाएगी. लेकिन भारतीय सेना पहले ही कह चुकी है कि एलएसी पर डिसइंगेजमेंट के साथ साथ डि-एस्केलेशन और डि-इंडक्शन के बाद ही अप्रैल 2020 की स्थिति पर लौटा जा सकता है और सीमा पर शांति कायम की जा सकती है. डि-एस्केलेशन यानी एलएसी पर चीनी सैनिकों के साथ साथ टैंक, तोप और मिसाइलों के जखीरे में कमी लाई जाए. क्योंकि इस वक्त पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर चीन के करीब 60 हजार सैनिक तैनात हैं. ये सभी सैनिक एलएसी के बेहद करीब तैनात हैं. ऐसे में फॉरवर्ड एरिया से डि-इनडक्शन भी बेहद जरूरी है यानि चीनी सैनिक एलएसी की फॉरवर्ड पोस्ट से वापस बैरक में चले जाएं जैसा अप्रैल 2020 में थे.साथ ही जानकार ये भी मान रहे हैं कि चीन की पीएलए सेना पीपी-15 पर डिसइंगेजमेंट के लिए इसलिए तैयार हुई है ताकि अगले हफ्ते उजबेकिस्तान में होने जा रही एससीओ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर सकें.Screenshot_20220911-013152.jpg