संसद से क्यों निलंबित हो रहे सांसद, क्या है हंगामे की राजनीति?

in #parliament2 years ago

संसद के मौजूदा सत्र के दौरान विपक्ष और सरकार के बीच गतिरोध चरम पर पहुंच गया है. मंगलवार को राज्यसभा में हंगामा करने के आरोप में 19 सांसदों को निलंबित कर दिया गया. ये सांसद बढ़ती महंगाई पर चर्चा करने की मांग कर रहे थे.

लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में हंगामा हुआ है. लेकिन राज्यसभा में जब विपक्षी सांसद महंगाई की चर्चा की मांग करते हुए नारेबाज़ी करने लगे तो उप सभापति हरिवंश ने उन्हें साफ चेतावनी देते हुए कहा कि वो ऐसा करेंगे तो कार्रवाई होगी.

लेकिन विपक्षी सांसद चुप नहीं हुए और उप सभापति ने टीएमसी के सात, डीएमके छह, टीआरएस के तीन, सीपीएम के दो और सीपीआई एक सांसद समेत 19 सांसदों को एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया.

इससे पहले लोकसभा के चार विपक्षी सांसदों को पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में मिलजुल कर संसद का कामकाज चलने देने पर सहमति बनी थी. लेकिन विपक्ष ही हंगामा कर चर्चा से बचता रहा है.

महंगाई पर चर्चा के सवाल पर उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को कोविड था इसलिए वह सदन में नहीं आ सकीं. लिहाजा इस पर चर्चा नहीं हो सकी. गोयल ने कहा कि विपक्षी सांसद जानबूझ कर सदन नहीं चलना देना चाहते.

लेकिन राज्यसभा से निलंबित 19 सांसदों के सवाल पर राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने कहा, '' निलंबन सांसदों की सामूहिक संवेदनाओं का निलंबन है. ये संसद की रवायतों का निलंबन है. संसदीय परंपराओं का निलंबन है. पूरा देश इसे देख रहा है .''

संसद के मौजूदा मानसून सत्र का यह लगातार सातवां दिन था जब संसद के दोनों सदनों में हंगामा और कामकाज में अड़चनें आईं. आखिर संसद में बार-बार ऐसे हालात क्यों पैदा हो रहे हैं. सदन के अहम सत्र हंगामे की भेंट क्यों चढ़ जाते हैं ? आखिर इससे किसको फायदा होता है? ये हंगामे की राजनीति क्या है?
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