आज खुलेगा अति प्राचीन सिद्ध पीठ मां चतुर्भुजी दुर्गा मंदिर बिशौनी  का पट

in #parbatta2 years ago

परबत्ता शारदीय नवरात्रि को लेकर घर घर में भक्ति का माहौल बना हुआ है। माँ के नौ रूपों में से पांच रुप की आराधना हो चुकी हैं। छठवें रूप मे आज मां कात्यायनी की पूजा होगी। परबत्ता प्रखंड के बिशौनी गांव में स्थित अति प्राचीन सिद्ध पीठ मां चतुर्भुजी दुर्गा मंदिर में प्रतिमा को आज संध्या में शंख,घंटा एवं माँ की जयकार के साथ पिंडी पर विराजमान किया जाएगा ।तथा आमलोगों के दर्शन हेतु मंदिर का पट खोला जाएगा। इसके पहले आज दिन में वेल्वाभिमन्तरन,अधिवास पूजन का कार्य किया जाएगा।
( कल निशा पूजन )
अति प्राचीन सिद्ध पीठ मां चतुर्भुजी दुर्गा मंदिर बिशौनी में प्रतिवर्ष शारदीय नवरात्र के दौरान सातवें दिन किये जाने वाले निशा पूजन का एक अलग ही महत्व है।माँ शक्ति के सातवें रुप को कालरात्रि के रुप में जाना जाता है।कल यानी रविवार को सप्तमी को माँ का महास्नान कराया जाता है।इसी दिन रात में निशा पूजा का आयोजन होता है।मंदिर के मुख्य पुजारी के देख रेख में निशा पूजा का आयोजन किया जाता है।इस पूजन में अन्य धार्मिक क्रिया कलापों के अलावा बलि से इसकी शुरुआत होती है।इसमें काले कबूतर व काले छागड़ की बलि दी जाती है।इस पूजा की शुरुआत बारह बजे रात में होती है,जो अगले दो घंटे तक चलती है।ऐसी मान्यता है कि इस पूजन को देखने मात्र से मनोकामनाएँ पूर्ण होती है तथा माँ का आशीर्वाद मिलता है।इस पूजा को देखने के लिये प्रतिवर्ष काफी संख्या में श्रद्धालू मंदिर में जुटते हैं।ऐसी मान्यता है कि माँ जिस भक्त पर प्रसन्न होती हैं उसे ही निशा पूजा देखने का सौभाग्य प्राप्त होता है।जिन पर माँ की कृपा नहीं होती है, वे पूजा शुरु होने तक स्वयं को रोक नहीं सकते हैं और निद्रा के आगोश में चले जाते हैं।पूजा के समापन पर भक्तों को प्रसाद दिया जाता है। इस प्रसाद को प्राप्त करने वालों को उसी समय बिना रुके अपने घर जाना पड़ता है तथा उसे प्रसाद देना पड़ता है जिसके लिये मन्नत माँगी गयी है।निशा पूजा देखने एवं प्रसाद प्राप्त करने के चमत्कारिक परिणामों के दर्जनों किस्से इलाके के लोगों के जुबान है।IMG-20220930-WA0042.jpg