देउठा -पैंकात पीएम सड़क योजना शिलान्यास के साथ दो दलों के बीच तल्खियां तेज

in #parbatta2 years ago

परबत्ता विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत देउठा- पैंकात में विधायक डॉ संजीव कुमार ने पीएम सड़क योजना के तहत बनने वाले एक सड़क का शिलान्यास बीते 30 सितंबर को किया था. शिलान्यास के इस कार्यक्रम के कुछ घंटों बाद ही रात के अंधेरे में उक्त जगह से शिलालेख गायब हो गया एवं वहां बने संरचना को तोड़ दिया गया इधर इस घटना के बाद से ही पूरे जिले भर में राजनीति पारा तेज हो गया है. खगड़िया के सांसद चौधरी महबूब अली कैसर ने जहां डीएम को पत्र लिखकर इसे सरकार द्वारा जारी निर्देशों के विरुद्ध बताया तो वही विधायक ने कहा कि जानबूझकर सांसद विकास कार्य को बाधित करना चाह रहे थे. विधायक डॉक्टर संजीव कुमार ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सड़क शिलान्यास की तिथि 30 सितंबर को निर्धारित थी सांसद का नाम शिलान्यास पट पर शिलान्यास कर्ता के रूप में अंकित था सांसद नहीं पहुंचे तो उस का शिलान्यास किया गया विधायक ने इसे सांसद के गुंडों की साजिश बताया है. इधर ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता ने डीएम को पत्र लिखकर कहा है कि विभाग को जानकारी दिए बिना पीएम ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत देउठा पैंकात पथ का शिलान्यास जनप्रतिनिधियों ने कर दिया जबकि पीएम सड़क योजना अंतर्गत इस पथ का शिलान्यास 10 अक्टूबर के बाद सांसद द्वारा किया जाना था. जिसकी तैयारी चल रही थी. वहीं सांसद चौधरी महबूब अली कैसर ने कहा कि यह किसी व्यक्ति विशेष की अहवेलना नहीं बल्कि सरकार के आदेश की अवहेलना है. यह शिलान्यास कार्यक्रम गैरकानूनी है जिनके द्वारा भी शिलान्यास किया गया उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही हो.

( दो दलों के बीच तल्खी का असर विकास कार्यों पर)

बहरहाल इसमें कोई दो राय नहींIMG-20221001-WA0018.jpg है की सड़क निर्माण शुरू होने से पूर्व ही यह विवादों में घिर गया है. सांसद एवं विधायक के समर्थकों का सोशल साइट पर जुबानी जंग तेज है. सड़क निर्माण कार्य का शिलान्यास उसके बाद शिलापट तोड़े जाने के चलते दो दलों के बीच शुरू हुए राजनीतिक बयानबाजी का दौर फिलहाल और बढ़ने की उम्मीद जताया जा रहा है. देखना लाजमी होगा कि आखिरकार यह सिलसिला किस जगह पर जाकर थमेगा. वहीं बुद्धिजीवियों का मानना है कि शिलान्यास एवं उद्घाटन जैसे मामलों मैं राजनीति से विकास कार्यों पर असर पड़ सकता है. इसलिए इस मामले को ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए. चाहे नेता किसी भी दल से हो उन्हें तो जनता ने ही बागडोर सौंपा है इसलिए सबों को आम जनता की भलाई के लिए मिलजुल कर राजनीतिक प्रतिशोध की भावना को दरकिनार कर विकास कार्यों का वाहक बनना चाहिए. इस पूरे मामले में जिला प्रशासन सूझ बुझ के साथ काम ले ताकि विकास योजना समय पर पूरा हो और आम लोगों को इसका फायदा मिले.IMG-20221001-WA0019.jpg