अग्निपथ योजना: सेना में अग्निवीरों की भर्ती के लिए कानपुर में परीक्षा आज

in #panky17672 years ago

IMG_20220724_071938.jpgसेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लॉन्च किया था. हालांकि लॉन्चिंग के बाद ही इस योजना का विरोध शुरू हो गया था. देश के 21 राज्यों तक इस विरोध की आग पहुंच गई थी लेकिन बिहार और यूपी में इसका सबसे ज्यादा विरोध देखने को मिला था. वहीं सरकार और सेना के अधिकारियों ने भी दावा किया है कि इस योजना के लेकर युवा काफी उत्साहित हैं.Agniveer Recruitment Exam 2022: देशभर में आज सेना में भर्ती के लिए अग्निवीर रिक्रूटमेंट एग्जाम आयोजित हो रहा है. इसी के तहत कानुपर में भी 17 केंद्रों में यह परीक्षा करवाई जाएगी. जानकारी के मुताबिक कानपुर कमिश्नरेट में कुल 11 सेंटर और कानपुर बाहरी में 6 केंद्र बनाए गए हैं.

जानकारी के मुताबिक हर सेंटर 3 शिफ्ट में परीक्षा होगी. हर शिफ्ट में 625 विद्यार्थी होंगे. इस परीक्षा में कुल 33 हजार 150 परीक्षार्थी शामिल होंगे. पहली पाली के लिए सुबह 7:30 बजे, दूसरी पाली के लिए सुबह 11:30 बजे और तीसरी पाली के लिए दोपहर 3:15 बजे परीक्षा शुरू होगी. यह परीक्षा ऑनलाइन होगी. ये परीक्षा कई चरणों में 31 जुलाई 2022 तक आयोजित की जाएगी.

मालूम हो कि योग्य आवेदकों को फेज-1 और फेज-2 ऑनलाइन टेस्ट के बाद क्वालिफाई होने वाले उम्मीदवारों को फिजिकल फिटनेस टेस्ट (1.6 की दौड़ साढ़े छह मिनट में. 10 पुशअप्स. 10 सिट अप. 20 स्क्वॉट्स) और मेडिकल टेस्ट के लिए बुलाया जाएगा.कमिश्नरेट पुलिस ने परीक्षा के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम कर लिए हैं. रेलवे और बस स्टेशनों के बाहर पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहेगा. सभी सेन्टर की व्यवस्था एयर फोर्स करेगी. सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी की जाएगी. बॉडी वार्न कैमरों से पुलिस कर्मी लैस रहेंगे. वहीं क्विक रेस्पांस टीम सभी केंद्रों का घूम घूम कर जाएजा लेगी. पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीना ने सभी पुलिसकर्मियों व अधिकारियों को अपने ड्यूटी स्थान पर समय से पहले पहुंचने के निर्देश दिए हैं.अग्निपथ योजना' (Agnipath Scheme) के तहत आर्मी (Army), नेवी (Navy) और एयरफोर्स (Air Force) में जवानों की भर्तियां होंगी. इनका रैंक मौजूदा रैंक से अलग होगा और ये 'अग्निवीर' (Agniveer) कहलाएंगे. इस योजना के तहत हर साल करीब 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा.

योजना के खिलाफ कई राज्यों में विरोध को देखते हुए सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को इस साल के लिए बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया है.

अग्निपथ गेमचेंजर स्कीम: सरकार

अग्निपथ स्कीम को सरकार ने गेम चेंजर भी बताया है. अब तक मिली जानकारी के अनुसान विरोध को दरकिनार कर दें तो इस स्कीम को लेकर युवाओं में भारी जोश है. सरकार ने 14 जून को ऐलान किया था कि इस साल अग्रिपथ योजना के तहत 46,000 अग्निवीरों की भर्ती जाएगी. इसमें सेना के लिए 40,000 और IAF-नेवी के लिए 3000-3000 भर्तियां होंगीअग्निपथ स्कीम के तहत ये मिलेंगे फायदे

चार साल की नौकरी में अग्निवीर को पहले साल 30,000 रुपये महीन सैलरी मिलेगी. दूसरे साल में हर माह 33,000 रुपये, तीसरे साल में 36,500 रुपये और चौथे साल 40,000 रुपये मासिक सैलरी मिलेगी. इस सैलरी में से हर महीने 30 फीसद अमाउंट कटेगा और इतनी ही राशि सरकार भी इसमें जोड़ेगी. जिसे आप रिटायरमेंट फंड कह सकते हैं.

सैलरी के अलावा रिस्क और हार्डशिप अलाउंस, राशन अलाउंस, ड्रेस और ट्रैवल अलाउंस मिलेगा. सामान्य भाषा में कहें तो खाना-पीना, इलाज और रहना सब फ्री रहेगा. नौकरी के दौरान 4 साल में एक अग्निवीर को कुल 11,72,160 रुपये सैलरी मिलेगी.

चार साल की सेवा के बाद फिर रिटायरमेंट फंड के तौर पर एकमुश्त 11,72,160 रुपये मिलेंगे. कुल मिलाकर चार की नौकरी में वेतन और रिटायरमेंट के तौर 23 लाख 43 हजार 160 रुपये मिलेंगे. इस पैसे पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा. इसमें आधा योगदान अग्निवीर का रहेगा, और आधा सरकार देगी.

सरकार का तर्क है कि अग्निवीर को सुविधाएं रेगुलर सैनिक की तरह ही मिलेंगी. इसलिए वे चाहें तो सैलरी के तौर पर मिलने वाली राशि को भी बचा सकते हैं. इस पैसे से वो हायर एजुकेशन समेत अपना बिजनेस खड़ा कर सकते हैं. 4 साल बाद भी रहेंगे नौकरी के विकल्प

इसके अलावा सरकार का कहना है कि अधिकतर युवा 12वीं के बाद स्किल ट्रेनिंग लेते हैं या हायर एजुकेशन लेते हैं और फिर जॉब ढूंढते हैं. हम युवाओं को एक साथ तीन मौका दे रहे हैं. उन्हें अच्छी सैलरी मिलेगी, चार साल में अच्छा बैंक बैलेंस हो जाएगा. साथ ही जॉब के दौरान उन्हें स्किल ट्रेनिंग भी दी जाएगी.

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत उन्हें जो भी फॉर्मल ट्रेनिंग दी जाएगी, उसका क्रेडिट पॉइंट उन्हें मिलेगा. उससे वे चार साल बाद हायर एजुकेशन ले सकते हैं. वे चार साल सेना में रहकर ज्यादा आत्मविश्वास के साथ बाहर जाएंगे.

नौकरी के साथ पढ़ाई भी जारी रहेगी

इन अग्निवीरों में से ही अधिकतम 25 फीसदी को फिर बाद में परमानेंट होने का मौका दिया जाएगा. यानी 4 में से एक अग्निवीर को पक्की नौकरी मिलेगी. सरकार की मानें तो 4 साल आर्मी में रहकर लौटा युवा दूसरों की अपेक्षा नौकरी पाने के लिए ज्यादा योग्य होगा. 4 साल में अग्निवीरों के लिए ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स होगा. ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स की मान्यता देश विदेश में होगी. सेवा के दौरान अगर कोई अग्निवीर वीरगति को प्राप्त हो जाता है तो उसके परिवार को एक करोड़ की सहायता राशि मिलेगी. साथ ही अग्निवीर की बची हुई सेवा की सैलरी भी परिवार को मिलेगी. वहीं अगर कोई अग्निवीर सेवा के दौरान अपंग हो जाता है तो उसे 44 लाख की राशि दी जाएगी और बाकी बची सेवा की सैलरी भी