खुशी और जश्न बताने के लिए काफी है कि सौरव घोषाल ने कितना बड़ा कमाल किया है
खेलों के इतिहास में पहली बार स्क्वॉश सिंगल इवेंट में मेडल आया है। 35 वर्षीय सौरव घोषाल (Sourav Ghoshal bronze medal) ने 2018 के चैंपियन को हराकर कांस्य पदक जीता। भारत का यह सबसे अनुभव खिलाड़ी जीत के बाद काफी भावुक नजर आया। कोर्ट के भीतर उनकी खुशी, आंसू और उत्साह देखता ही बनता था। स्टैंड्स में बैठी पत्नी से मिलने की बेताबी और गले लगकर रोना, बताता है कि इस मेडल को पाने के लिए उन्होंने परिवार से अलग रहकर कितनी कुर्बानी दी होगी।भारत के शीर्ष स्क्वॉश खिलाड़ी सौरव घोषाल ने इंग्लैंड के जेम्स विलस्ट्रॉप को 11-6, 11-1, 11-4 से हराया। इससे पहले वह मंगलवार को सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के पॉल कोल के खिलाफ एकतरफा मुकाबले में हार गए थे। दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी पॉल कोल ने दुनिया के 15वें नंबर के खिलाड़ी घोषाल को सीधे गेम में 3-0 (11 - 9, 11 - 4, 11 - 1) से हराया था।सौरव घोषाल पश्चिम बंगाल के कोलकाता के रहने वाले हैं। स्क्वॉश में भारत के सुपरस्टार कहलाते हैं, उन्हें अर्जुन अवॉर्ड भी मिल चुका है, उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भी सिल्वर मेडल अपने नाम किया था जबकि एशियन गेम्स में वह 5 ब्रॉन्ज, एक गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीत चुके हैं।
CWG में सौरव घोषाल का सफर
2010: तीसरे राउंड में बाहर
2014: ब्रॉन्ज मेडल मैच हारे
2018: राउंड ऑफ 32 में बाहर
2022: ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा