पंजाब में धर्मांतरण को लेकर किए जा रहे दावों की ज़मीनी हक़ीक़त क्या है

in #panjab2 years ago

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मैं बीमार रहती थी, बहुत दवा ली, पर कुछ फर्क नहीं पड़ा, फिर मैं चर्च गई और वहां पादरी ने प्रार्थना की और उसके बाद मैं ठीक हो गई, अब मेरे जीवन में कोई कष्ट नहीं है."

ये शब्द है पंजाब के गुरदासपुर ज़िले के गांव घुमान की रहने वाली राजिंदर कौर के.

राजिंदर कौर जाट परिवार से ताल्लुक रखती हैं लेकिन कुछ समय पहले उसने सिख धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया.

राजिंदर कौर का कहना है कि उनका पूरा परिवार अब ईसाई बन गया है, लेकिन उनके माता-पिता और ससुराल के बाकी लोग अभी भी सिख हैं.

ज़मींदार परिवार से ताल्लुक रखने वाले सुखविंदर सिंह की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. सुखविंदर सिंह का कहना है कि "व्यापार में घाटा हो रहा था, और वो बीमार भी रहते थे, ज़िंदगी के हर कदम पर दिक़्क़तें थीं, एक दिन मैं चर्च में गया. वहां प्रार्थना की और उसके बाद मेरी ज़िंदगी बदल गई, कारोबार भी ठीक हो गया और बीमारी भी ख़त्म हो गई."

कपड़े के व्यापारी सुखविंदर सिंह का कहना है कि पहले वे पगड़ीधारी थे, लेकिन 2006 में उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया वो भी बिना किसी लालच के. सुखविंदर सिंह का कहना है कि उनके दो बच्चे है, जो इस समय इंग्लैंड में रहते हैं.

उन्होंने कहा, "पहले मुझे लगता था कि ईसाई अंग्रेज़ों का धर्म है, लेकिन चर्च जाने बाद मुझे एहसास हुआ कि ऐसा नहीं है." उनका कहना है कि शुरू में कुछ लोगों ने मेरे ईसाई धर्म अपनाने का विरोध किया, रिश्तेदार भी नाराज़ हुए लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.

धर्म जागरूकता आंदोलन'
सुखविंदर सिंह का कहना है कि कुछ लोग सोचते हैं कि उनकी ज़िंदगी ईसाई धर्म में शामिल होने के बदले पैसों से बदली है, जो कि पूरी तरह से ग़लत है.

वे कहते हैं, "सिखों के पास भी बहुत पैसा है, वे भी प्रचार कर सकते हैं और पैसे खर्च करके लोगों को ईसाई धर्म में शामिल होने वाले लोगों को सिख धर्म में वापस ला सकते हैं."

धर्म परिवर्तन करने के बाद नाम क्यों नहीं बदला, आपने नाम के साथ अभ भी 'सिंह' शब्द लगाते हैं?

इस सवाल के जवाब में सुखविंदर कहते है कि चर्च में नाम को लेकर किसी को भी आपत्ति नहीं है, हां अगर सिखों को आपत्ति है तो वो अपना नाम बदल लेंगे.

सुखविंदर सिंह के घर में आज भी उनकी पगड़ी पहने तस्वीरें लगी हुई हैं.

दूसरी तरफ़ दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने पंजाब में ईसाई बन चुके सिखों को वापस सिख धर्म में लेकर आने के लिए धर्म जागरूकता आंदोलन शुरू किया है.

इस काम में लगे मनजीत सिंह का कहना है कि कुछ पादरी लोगों को गुमराह करके ईसाई धर्म में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन पादरियों के झांसे में आए कुछ सिख लोग वापस सिख धर्म में आऐ हैं.