पानीपत में HIV संक्रमण ने पसारे पांव:15 महीने में एड्स के 263 मरीज मिले, 197 पुरुष 63 महिलाएं 3 ट्रांसजेंडर

in #panipat2 years ago

हरियाणा के पानीपत जिले में एड्स के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जनवरी 2021 से एक मई 2022 तक एड्स के नए 263 मरीज मिले हैं। इनमें 197 पुरुष, 63 महिलाएं एवं 3 ट्रांसजेंडर शामिल हैं। पिछले 17 माह में 14385 लोगों ने HIV जांच करवाई। जांच करवाने के अनुपात में डेढ़ प्रतिशत लोग एचआईवी संक्रमित मिले।
पानीपत में HIV संक्रमण ने पसारे पांव:15 महीने में एड्स के 263 मरीज मिले, 197 पुरुष 63 महिलाएं 3 ट्रांसजेंडर
पानीपत8 घंटे पहले

हरियाणा के पानीपत जिले में एड्स के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जनवरी 2021 से एक मई 2022 तक एड्स के नए 263 मरीज मिले हैं। इनमें 197 पुरुष, 63 महिलाएं एवं 3 ट्रांसजेंडर शामिल हैं। पिछले 17 माह में 14385 लोगों ने HIV जांच करवाई। जांच करवाने के अनुपात में डेढ़ प्रतिशत लोग एचआईवी संक्रमित मिले।

अब जिले में एड्स के रोगियों की संख्या 1462 हो चुकी है, जिनमें 781 पुरुष, 530 महिलाएं, 99 बच्चे और 9 ट्रांसजेंडर शामिल हैं। पिछले एक साल में 18 हजार गर्भवतियों ने जांच कराई है। इनमें 20 गर्भवती एड्स रोगी मिली हैं। इन सभी रोगियों की सिविल अस्पताल में काउंसिलिंग एवं इलाज चल रहा है।

स्वास्थ्य विभाग कर चुका पहल

स्वास्थ्य विभाग एड्स रोगियों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए तीन साल पहले एक पहल कर चुका है। स्वास्थ्य विभाग एचआईवी पॉजिटिव लड़के एवं लड़की का विवाह कराकर उन्हें मुख्यधारा में जोड़ रहा है। विभाग अब तक ऐसी चार शादी करा चुका है।

स्वास्थ्य विभाग ने एचआईवी मैरिज डॉट कॉम नाम से एक वेबसाइट शुरू की है, जिसमें एचआईवी पॉजिटिव अपना रजिस्ट्रेशन नंबर और अपनी एचआईवी संबंधित पूरी जानकारी डालकर अपने लिए वर या वधू ढूंढ सकते हैं।

इस वेबसाइट को एचआईवी पॉजिटिव लड़कों या लड़कियों के अलावा कोई और नहीं देख सकता। शादी से पहले लड़के व लड़की की पूरी डिटेल उसके परिवार के साथ शेयर की जाती है। अब विभाग ने इस मुहित को आगे बढ़ाने की फैसला किया है।

टारगेट इंटरवेंशन प्रोग्राम के तहत सुविधा

टारगेट इंटरवेंशन प्रोग्राम पानीपत में वर्ष 2018 में प्रारंभ हुआ था। जिला रेडक्रास सोसाइटी इस प्रोग्राम को संचालित करती है। सरकार की ओर से कंडोम, जैली और निडिल नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं। प्रोग्राम के तहत 600 महिला सेक्स वर्कर, 300 पुरुष यौनकर्मी और इंजेक्टिव नशा करने वाले 200 लोगों को चिन्हित कर, जागरूक किया जाता है। वर्ष में दो बार होने वाले टारगेट इंटरवेंशन प्रोग्राम से इन्हें जोड़ने में मदद मिलती है। लक्षण दिखने पर एंटी-रेट्रोवायरल थैरेपी (एआरटी) सेंटर में पंजीकरण कराया जाता है।

एड्स का खतरा किसके लिए

  • एक से अधिक लोगों से यौन संबंध रखने वाला व्‍यक्ति।
  • वेश्‍यावृति करने वालों से यौन संपर्क रखने वाला व्‍यक्ति।
  • नशीली दवाईयां इन्‍जेकशन के द्वारा लेने वाला व्‍यक्ति।
  • यौन रोगों से पीड़ित व्‍यक्ति।
  • पिता/माता के एचआईवी संक्रमण के पश्‍चात पैदा होने वाले बच्‍चें।
  • बिना जांच किया हुआ रक्‍त ग्रहण करने वाला व्‍यक्ति।

एड्स रोग कैसे फैलता है

  • एचआईवी संक्रमित व्‍यक्ति के साथ यौन सम्‍पर्क से।
  • एचआईवी संक्रमित सिरिंज व सूई का दूसरों के द्वारा प्रयोग करने से।
  • एचआईवी संक्रमित मां से शिशु को जन्‍म से पूर्व, प्रसव के समय, या प्रसव के शीघ्र बाद।
  • एचआईवी संक्रमित अंग प्रत्‍यारोपण से।
  • एक बार एचआईवी विषाणु से संक्रमित होने का अर्थ है- जीवनभर का संक्रमण एवं दर्दनाक मृत्‍यु

एड्स से बचाव

  • एचआईवी संक्रमित व्‍यक्ति को प्‍यार दें- दुत्‍कारे नहीं
  • जीवन-साथी के अलावा किसी अन्‍य से यौन संबंध नहीं रखे।
  • यौन सम्‍पर्क के समय निरोध(कण्‍डोम) का प्रयोग करें।
  • मादक औषधियों के आदी व्‍यक्ति के द्वारा उपयोग में ली गई सिरिंज व सूई का प्रयोग न करें।
  • एड्स पीडित महिलाएं गर्भधारण न करें, क्‍योंकि उनसे पैदा होने वाले शिशु को यह रोग लग सकता है।
  • रक्‍त की आवश्‍यकता होने पर अनजान व्‍यक्ति का रक्‍त न लें और सुरक्षित रक्‍त के लिए एचआईवी जांच किया रक्‍त ही ग्रहण करें।
  • डिस्‍पोजेबल सिरिंज एवं सूई व अन्‍य चिकित्‍सीय उपकरणों का 20 मिनट पानी में उबालकर जीवाणुरहित करके ही उपयोग में लाएं। दूसरे व्‍यक्ति का प्रयोग में लिया हुआ ब्‍लेड/पत्‍ती काम में न लाएं।

एचआईवी संक्रमण पश्‍चात लक्षण

  • गले या बगल में सूजन भरी गिल्टियों का हो जाना।
  • लगातार कई-कई हफ्ते अतिसार घटते जाना।
  • लगातार कई-कई हफ्ते बुखार रहना।
  • हफ्ते खांसी रहना।
  • अकारण वजन घटते जाना।
  • मुंह में घाव हो जाना।
  • त्‍वचा पर दर्द भरे और खुजली वाले ददोरे/चकते हो जाना।

संक्रमितों से हाथ मिलाने पर भी नहीं फैलता एचआईवी
एचआईवी संक्रमित व्‍यक्ति के साथ सामान्‍य संबंधो से, जैसे हाथ मिलाने, एक साथ भोजन करने, एक ही घडे़ का पानी पीने, एक ही बिस्‍तर और कपड़ों के प्रयोग, एक ही कमरे अथवा घर में रहने, एक ही शौचालय, स्‍नानघर प्रयोग में लेने से, बच्‍चों के साथ खेलने से यह रोग नहीं फैलता है मच्‍छरों /खटमलों के काटने से यह रोग नहीं फैलता है।images(24).jpg