सुल्तानपुर में गणेश चतुर्थी की धूम, पंडालों में गूंजे बप्पा के जयकार

in #pandals7 days ago

सुल्तानपुर 12 सितम्बरः (डेस्क)गणेश चतुर्थी पर सुल्तानपुर में धूमधाम से मनाया जा रहा उत्सव सुल्तानपुर जिले में गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े ही उत्साह और धूमधाम से मनाया जा रहा है। शहर के प्रमुख मार्गों पर सजे करीब 70 पूजा पंडालों में भगवान गणेश की प्रतिमाओं की स्थापना के बाद नेत्र पट खोल दिए गए हैं। सुबह शाम आरती के समय पूरा वातावरण जय गणेश जय गणेश के जयकारों से गुंजायमान नजर आता है।

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स्थानीय लोगों के अलावा दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु भी मोदक का भोग लगाकर गजानन के जयकारे लगा रहे हैं। बाबूगंज बाजार में भी गणेश उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है।

गणेश प्रतिमाओं की बिक्री शुरू
गणेश चतुर्थी का पर्व इस बार 31 अगस्त को मनाया जाएगा। बुद्धि और ज्ञान के देवता भगवान गणेश की पूजा का यह सबसे बड़ा दिन माना जाता है। यहां गणेश प्रतिमाओं की बिक्री शुरू हो गई है। शहर के प्रमुख मार्गों पर सजे पंडालों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।

पश्चिम बंगाल के मूर्तिकार बना रहे हैं गणेश प्रतिमाएं
वैसे तो महाराष्ट्र में गणेश उत्सव बड़े धूम धाम के साथ मनाया जाता है लेकिन, सुल्तानपुर में इस उत्सव को मनाने के लिए पश्चिम बंगाल के मूर्तिकार भगवान गणेश की अनोखी मूर्तियां तैयार कर रहे हैं। यहां गणेश प्रतिमाओं की बिक्री पिछले 50 सालों से चली आ रही है।

11 दिवसीय गणपति महोत्सव का शुभारंभ
सुल्तानपुर में गणेश चतुर्थी का पर्व 11 दिवसीय गणपति महोत्सव के साथ मनाया जा रहा है। इस उत्सव का शुभारंभ भी धूमधाम से किया गया है। इस दौरान भक्तों ने ढोल नगाड़ों से बप्पा का स्वागत किया और पंडालों में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला।

दो साल बाद धूमधाम से मनाया जा रहा उत्सव
गणेश चतुर्थी का यह पर्व दो साल बाद धूमधाम से मनाया जा रहा है। कोरोना महामारी के कारण पिछले दो सालों में यह उत्सव बड़े पैमाने पर नहीं मनाया जा सका था। लेकिन इस बार श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिल रहा है और वे बड़ी संख्या में पूजा पंडालों में दर्शन-पूजन के लिए पहुंच रहे हैं।

घर-घर गणेश उत्सव की धूम
इस बार गणेश चतुर्थी का पर्व घर-घर मनाया जा रहा है। श्रद्धालु भगवान गणेश की आरती और भजनों पर झूम उठे हैं। ढोल नगाड़ों से गणेश प्रतिमाओं का स्वागत किया जा रहा है और पंडालों में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिल रहा है।

सुल्तानपुर में गणेश चतुर्थी का यह उत्सव न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि यह समाज को एकजुट करने और एकता का संदेश देने का भी प्रतीक है। यह उत्सव लोगों को एक साथ लाता है और उनमें खुशी और उल्लास का माहौल पैदा करता है।