इको सेंसेटिव जोन में धार्मिक स्थल,बांध व बस्तिया

in #pali2 years ago

IMG_20220601_092233.jpgदेसूरी के सादडी के कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य ईको सेंसेटिव जोन दायरे से ऐतिहासिक धार्मिक स्थल, पर्यटक स्थल, सिंचाई व पेयजल स्रोत बांध एवं अरण्य से सटी आबाद बस्तियां आ रही है। इनको बाहर रखने की मांग को लेकर सादडी नगर पालिका अध्यक्षा खुमीदेवी बावरी व पार्षद संजय बोहरा ने राजसमंद जिला कलक्टर के समक्ष अपना पक्ष रखा। उन्होंने कुम्भलगढ़ अभयारण्य ईको सेंसेटिव जोन 0 से 50 मीटर कराने की मांग की। कुम्भलगढ़ के अलावा प्रदेश के सभी अभयारण्य में धार्मिक, पर्यटक व आबाद बस्तियों को लेकर ईको सेंसेटिव जोन 0 से 500 मीटर तक है। कुम्भलगढ़ में इसका दायरा एक किमी परिधि क्षेत्र है। इस पर हाईकोर्ट ने भी पिछले दिनों एक किमी परिधि क्षेत्र में सभी तरह की गतिविधियों पर रोक लगा रखी है। इससे कई निर्माण अधूरे अटके और आगामी दिनों में प्रस्तावित कुम्भलगढ़ राष्ट्रीय उद्यान पर भारत सरकार से जारी गजट नोटिफिकेशन पारित हो जाएगा। अभयारण्य ईको सेंसेटिव जोन दायरा 0 से 50 मीटर नहीं हुआ तो किसानों के कई कार्य अटक जाएंगे। धार्मिक आस्थास्थल पर आवागमन निषिद्ध हो जाएगा। राजसमंद जिला कलक्टर नीलाभ सक्सेना के समक्ष पालिकाध्यक्षा बावरी, पार्षद बोहरा ने कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य ईको सेंसेटिव जोन का दायरा शून्य से 50 मीटर कराने सहित धार्मिक श्रद्धास्थल परशुराम महादेव, सूर्यमन्दिर, शक्ति माता, भंवर झुझारजी बावजी, सेजिया महादेव, दुरबानियासर महादेव व पीर बावजी नाल सहित विभिन्न पर्यटक स्थल, सिंचाई व पेयजलस्रोत रणकपुर सादडी बांध, बाजरा वाला बांध व नलवानिया बांध एवं आधा दर्जन आबाद बस्तियां हिरावाव, देवाधड़ा, सेवटा बेर, महेन्द्रनगर, खूणी बावड़ी, जाटों की डोरण, सरकुडाधड़ा, मोडिया बस्ती को बाहर रखने की मांग की। इन बस्तियों के लोगों को नगर पालिका द्वारा पट्टा भी दे दिया गया है।

पार्षद बोहरा ने बताया कि पिछले पालिका बोर्ड में भी प्रस्ताव पारित कर सरकार व जिला प्रशासन को इससे अवगत कराया गया था। पालिकाध्यक्षा बावरी व पार्षद बोहरा ने राजसमंद जिला कलक्टर के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए आग्रह किया कि श्रद्धालुओं व जनभावनाओं को नजरअंदाज नहीं करें

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Great work