ट्रायल के लिए सीमित हैं तीन अस्पतालों में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट

in #oxygen3 days ago

बाराबंकी 16 सितम्बरः (डेस्क)बाराबंकी जिले में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने पांच अस्पतालों में छह ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया।

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यह कदम तब उठाया गया जब अस्पतालों में मरीजों को ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ा था। हालांकि, अब यह जानकारी सामने आई है कि इनमें से केवल तीन प्लांट ही संचालन में हैं, जबकि बाकी तीन प्लांट केवल ट्रायल स्तर पर ही रह गए हैं।

ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति
जिले के अस्पतालों में स्थापित किए गए ऑक्सीजन प्लांट का मुख्य उद्देश्य मरीजों को तत्काल ऑक्सीजन उपलब्ध कराना था। लेकिन वास्तविकता यह है कि जिन प्लांट्स का उद्घाटन किया गया, उनमें से कई अभी भी कार्यात्मक नहीं हैं। इस स्थिति ने अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए गंभीर समस्याएँ उत्पन्न कर दी हैं।

मरीजों को हो रही परेशानी
ऑक्सीजन प्लांट के संचालन में कमी के कारण मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। अस्पताल प्रशासन ने इस मुद्दे पर चिंता जताई है और कहा है कि वे जल्द ही तकनीकी समस्याओं का समाधान निकालने का प्रयास कर रहे हैं।

तकनीकी समस्याएँ
जिन तीन प्लांट्स का संचालन हो रहा है, उनमें भी तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं। उदाहरण के लिए, एक प्लांट में सर्वो स्टेबलाइजर में धमाका होने की घटना हुई थी, जिससे वहां भी ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हुई थी। इस प्रकार की घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि तकनीकी खराबियों के कारण ऑक्सीजन प्लांट्स की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है।

भविष्य की योजना
स्वास्थ्य विभाग ने आश्वासन दिया है कि वे इन समस्याओं को हल करने के लिए गंभीरता से काम कर रहे हैं। इसके अलावा, यह भी कहा गया है कि अगर जरूरत पड़ी तो और अधिक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने पर विचार किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो।

निष्कर्ष
बाराबंकी जिले में स्थापित किए गए ऑक्सीजन प्लांट्स की स्थिति चिंताजनक है। जहां एक ओर कोरोना महामारी के दौरान मरीजों की जान बचाने के लिए इन प्लांट्स की आवश्यकता थी, वहीं दूसरी ओर उनकी कार्यशीलता में कमी ने स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह जल्द से जल्द इन समस्याओं का समाधान करे ताकि आने वाले समय में किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य आपातकालीन स्थिति का सामना किया जा सके।