कोई भी सदाचारी नहीं बनाना चाहता
उरई। भागवत कथा में भगवताचार्य पं सरस जी महाराज ने कहा कि जो महिलाएं शास्त्र की नीति की बात करती हैं।साथ ही दिन- रात्र भगवान का ध्यान करती हैं,उसी के यहां अटल सत्य यानि धुरव जैसा पुत्र पैदा होता हैं। उन्होंने कहा कि संसार का हर व्यक्ति अपनी सतांन को इंजीनियर,डाक्टर,वकील,जज बनाना चाहता हैं।पर कोई भी अपनी संतान को भक्त सदाचारी नहीं बनाना चाहता हैं।फिर भी सुनीति ने अपने पुत्र को भक्त वनाकर लोक प्राप्त कराया,जिसे धुरव लोक कहते हैं।इसका अर्थ हैंकि जीव अपने कर्म के द्वारा ही लोक प्राप्त होता हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य अपने सुकर्म के द्वारा अपना व,समाज का कल्याण कर सकता हैं। साथ ही मनुष्य कथा के माध्यम से समाज,परिवार को सत्कर्म में लगाकर समाज और देश को तथा सनातन धर्म का उत्थान कर सकता हैं।