कमर तक पानी में डूबकर पार करना पड़ता है नाला
फाइल फोटो- बारिश के सीजन में रहती है ऐसी स्थिति।
- कमर तक पानी में डूबकर पार करना पड़ता है नाला
- बारिश में बंद हो जाता है आवागमन
- आपातकालीन सेवा समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्रामीण
मंडला. आजादी के 75 साल बाद भी विकासखंड नारायणगंज की ग्राम पंचायत सिकोसी के 500 की आबादी वाले ग्राम बोरिया के ग्रामीणों का मुख्यालय को जोडऩे वाले मार्ग में स्टाप डेम पुल बनने का सपना पूरा नहीं हो पाया है। यहां आवागमन सुचारू हो जाने से ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं के साथ अन्य परेशानियों से निजात मिल जाएगी। लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। यहां के लोगों को कमर भर पानी से गुजर कर नारायणगंज मुख्यालय आना पड़ता है।
जानकारी अनुसार नारायणगंज से गुजरने वाली नदियों में बरगी बांध के पानी भराव होता हैै। जिसके कारण ग्राम बोरिया पहुंच मार्ग में बने इस नाले में बारिश के सीजन भर पानी भरा रहता है। जिसके कारण ग्राम बोरिया के ग्रामीणों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ता है। बारिश के दिनों में यह समस्या और विकराल हो जाती है। लोगों को अपनी जान हथेली में रखकर इस नाले को पार करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि सिकोसी पंचायत का बोरिया ग्राम उपेक्षित है। यहां मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है।
बताया गया कि ग्राम बोरिया दो हिस्सों में अलग-अलग बसा है। जिसमें आधी आबादी इस नाले के काफी नजदीक है जो नारायणगंज मुख्यालय के पास ही है। दूसरे हिस्से में जाने के लिए दूरी के साथ रास्ता भी जर्जर और पगडंडी वाला है। जिससे यहां से भी गुजरने में परेशानी का सामना ग्रामीणों को करना पड़ता है। मार्ग ना होने के कारण लोगों को यहां से बहने वाले नाले को पार करना पड़ता है। ग्रामीणों की मांग के बाद भी यहां पुलिया का निर्माण नही कराया जा रहा है। गांव में यदि कोई गंभीर बीमार हो जाए तो उसे उपचार के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। इस दौरान कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। आने जाने का साधन न होने के कारण समय में मरीज को अस्पताल तक नही पहुंचा पाते है।
बच्चों की मुसीबत:
ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम बोरिया में विद्यालय नहीं होने के कारण बच्चों को दूसरे गांव अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए जाना पड़ता है। बच्चों को स्कूल जाने के लिए बारिश में इसी नाले को पार करना होता है। जिससे हादसे का अंदेशा बना रहता है। यहां मूलभूत सुविधाएं स्वास्थ्य, शिक्षा समेत रोजगार के लिए लोगों को तरसना पड़ रहा है। चुनावी दौर में नेता यहां आश्वासन का झुंझुना पकड़ा देते है। चुनाव जीतने के बाद ना तो नेता का पता चलता है और ना ही उनके आश्वासन का।इनका कहना है
नारायणगंज की राजनीति सिर्फ ठेकेदारी मेटेरियल सप्लाई और स्वार्थ की राजनीति बन चुकी है, चुनाव जीतने के लिये आश्वासन का सहारा लिया जाता है, स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस ओर ध्यान नहीं देते है, जिसके कारण यह ग्राम उपेक्षित है।
दुर्गेश सिंगरौरे, भारतीय आम नागरिक देश संघर्ष युवा संगठन नारायणगंज
आज राजनीति में सेवा नहीं स्वार्थ हावी हो चुका है, इस लिए आज बोरिया ग्राम सड़क और पुलिया के लिए तरस रहा है। यहां के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं के लिए तरसना पड़ता है। वर्षो पहले बने स्टाप डेम को भी पूरा नहीं किया गया है। जिसके कारण लोगों को आवाजाही में परेशानी हो रही है।
जितेन्द्र कुलस्ते, भारतीय आम नागरिक देश संघर्ष युवा संगठन
सरकार के पास बरगी बांध बांधने की योजना है, लेकिन बरगी बांध के कारण जिन ग्रामों का मार्ग अवरूद्ध हो रहा है, वहां आवागमन का रास्ता बनाने की कोई योजना नहीं है। यहां के ग्रामीणों को नारायणगंज मुख्यालय आने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। इस ओर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।
सूरज उइके, ग्रामीण, बोरिया
बोरिया ग्राम में सड़क और नदी पार करने के लिए पुलिया न होने के कारण ग्रामीणों को अपनी मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ती है। यहां स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे है। जिसका खामियाजा यहां के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
अमर सिंह मरावी, ग्रामीण