पोषाहार बंट नहीं रहा.... मैसेज आ रहा आपको राशन मिल गया

महाराजगंज 15 सितंबर : (डेस्क) शहर से लेकर मुसहर बस्तियों में कुपोषण मिटाने के लिए प्रयास जारी हैं।जिम्मेदारों की नियमित निगरानी न होने से लाभार्थी अनुपूरक पोषाहार और बाल पुष्टाहार से वंचित हो रहे हैं।कई महीनों से पोषाहार का वितरण नहीं हुआ, लेकिन लाभार्थियों को मोबाइल पर पोषाहार मिलने का मैसेज आ रहा है।

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निचलौल में कुपोषण मिटाने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें शहर से लेकर मुसहर बस्तियों तक विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस दिशा में ब्लॉक क्षेत्र में कुल 296 आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए हैं, जो बच्चों और माताओं के पोषण के लिए महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, इन केंद्रों की नियमित निगरानी की कमी के कारण लाभार्थी अनुपूरक पोषाहार और बाल पुष्टाहार से वंचित हो रहे हैं।

स्थानीय जिम्मेदारों की ओर से निगरानी न होने के कारण पोषाहार का वितरण कई महीनों से ठप पड़ा है। इस स्थिति ने लाभार्थियों को चिंता में डाल दिया है, क्योंकि उन्हें मोबाइल पर पोषाहार मिलने का मैसेज आ रहा है, जबकि वास्तविकता में उन्हें पोषाहार नहीं मिल रहा है। यह स्थिति न केवल बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है, बल्कि माताओं के लिए भी चिंता का विषय बन गई है।

कुपोषण एक गंभीर समस्या है, जो बच्चों की शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित करती है। इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन को सक्रियता से काम करने की आवश्यकता है। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से नियमित पोषण कार्यक्रम चलाना और लाभार्थियों की सही जानकारी सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है।

स्थानीय समुदाय ने भी इस समस्या को लेकर आवाज उठाई है और प्रशासन से मांग की है कि वे इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दें। लोगों का मानना है कि अगर निगरानी और वितरण प्रणाली में सुधार नहीं किया गया, तो कुपोषण की समस्या और बढ़ सकती है, जिससे बच्चों का स्वास्थ्य और विकास प्रभावित होगा।

इसलिए, यह आवश्यक है कि सरकार और संबंधित विभाग इस दिशा में ठोस कदम उठाएं, ताकि लाभार्थियों को समय पर पोषाहार मिल सके और कुपोषण की समस्या को प्रभावी ढंग से समाप्त किया जा सके। केवल योजनाओं की घोषणा करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन्हें सही तरीके से लागू करना और निगरानी करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।