पूर्व सहकर्मी की ताबड़तोड़ वारकर हत्या में उम्रकैद
ग्रेटर नोएडा। वर्ष 2013 में पूर्व सहकर्मी मीनाक्षी की तेजधार हथियार से ताबड़तोड़ वारकर हत्या करने के दोषी धनौज गिरी को जिला न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। मीनाक्षी को धनौज परेशान कर दबाव बनाता रहता था। वह मीनाक्षी के एक अन्य सहकर्मी फरहान से बात करने से भी क्षुब्ध था। मीनाक्षी की हत्या के बाद धनोज ने फरहान पर भी कुल्हाड़ी से हमला किया था। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश वेदप्रकाश वर्मा ने दोषी पर 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है जिसे न जमा करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
सहायक शासकीय अधिवक्ता सुखवीर नागर ने बताया कि मुजफ्फरनगर निवासी सुरेशपाल ने एक जुलाई 2013 को नोएडा के सेक्टर-58 थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि बेटी मीनाक्षी (23) मामूरा की गली नंबर सात में श्रवण कुमार के मकान में रूम पार्टनर शिल्पी व प्रतिभा के साथ रहती थी। मीनाक्षी सेक्टर-63 स्थित कंपनी में नौकरी करती थी। सुरेशपाल की दूसरी बेटी नीलाक्षी एक दिन पहले ही अपनी बहन से मिलने नोएडा आई थी। मीनाक्षी के साथ पूर्व में सेक्टर-65 ओरिन्टक्राफ्ट कंपनी में धनौज काम करता था।
ओरिन्टक्राफ्ट कंपनी में धनौज काम करता था। धनौज अक्सर मीनाक्षी को परेशान करता था। एक जुुलाई को धनोज, मीनाक्षी के कमरे में माफी मांगने गया था। इसके बाद वह उसे अपने किराये के कमरे गली नंबर पांच स्थित सत्यपाल चौहान के मकान पर ले गया। 20-25 मिनट बाद तक जब मीनाक्षी नहीं लौटी तो नीलाक्षी ने धनौज के मोबाइल पर कॉल की, लेकिन आरोपी ने मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया।
शिल्पी शाम को मीनाक्षी को खोजने गई और धनौज के कमरे का ताला तोड़कर देखा तो मीनाक्षी का खून से लथपथ शव कमरे में पड़ा था। आरोप था कि धनौज ने मीनाक्षी की हत्या की है। धनोज मीनाक्षी की हत्या के बाद कुल्हाड़ी लेकर सेक्टर-65 स्थित कंपनी के बाहर पहुंचा। उसने कंपनी में काम करने वाले फरहान पर भी कुल्हाड़ी से यह कहते हुए हमला किया कि मीनाक्षी को उसने मार दिया है और अब वह उसे भी नहीं छोड़ेगा।
नौ वर्ष बाद मिला न्याय
बेटी की हत्या में परिवार को नौ साल बाद न्याय मिला। अदालत में गवाहों के बयान हुए। इसमें पता चला कि धनौज ने मीनाक्षी पर तेजधार हथियार से लगभग नौ वार किए थे। धनौज मीनाक्षी को परेशान करता था। जब उसे पता चला कि सहकर्मी फरहान और मीनाक्षी बात करते हैं तो उसने वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। अदालत ने धनौज को फरहान पर हमले में भी दोषी मानते हुए एक साल की सजा सुनाई है।