ट्वीन टॉवर नोएडा: बिल्डिंग गिराने में इस्‍तेमाल की जा रही है विस्‍फोटक लगाने की यह तकनीक

in #noida2 years ago

सेना के रिटायर कर्नल दीपक शरण बताते हैं कि यह तकनीक को कटिंग चार्ज होती है. यानी चार्ज को रखकर विस्‍फोट किया जाता है और पहाड़ तोड़े जाते हैं. इसी तरह चार्ज रखकर नोएडा का ट्वीन टॉवर गिराय जाएगा. इस तरह के टॉवर को गिराने के लिए सबसे जरूरी विस्‍फोटक की प्‍लेसमेंट और टाइमिंग है. अगर एक साथ पूरी इमारत को गिराया जाए तो नुकसान होने की संभावना अधिक रहती है.
नई दिल्‍ली. सुपरटेक एमराल्ड की नोएडा सेक्टर-93 (A) स्थित ट्वीन टॉवर (Twin Tower) पर देशभर की नजरें लगी हैं. 28 अगस्‍त को कुछ सेकेंड में दोनों इमारतें जमींदोज हो जाएंगी. देश में इतनी बड़ी बहुमंजिली इमारत (multi-storey) गिराने (demolition) का पहला मामला है. लोगों ने इस तरह इमारत को गिरते हुए अभी तक टीवी में ही देखा है. पहली बार अभी इसे लाइव देख सकेंगे. इस वजह से लोगों में जिज्ञासा है कि ऐसी इमारतों को जमींदोज करने में कौन तकनीक का इस्‍तेमाल करते हैं.इस तरह के विस्‍फोट का इस्‍तेमाल पहाड़ों में सुरंग, रेलवे ट्रैक और रोड बनाने मे रेलवे, नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सेना भी करती है. जिससे जितना जरूरत हो पहाड़ के उतने हिस्‍से को विस्‍फोट कर तोड़ा जाए. इस तकनीक के बारे में सेना के रिटायर कर्नल दीपक शरण बताते हैं कि इसे कटिंग चार्ज बोला जाता है. यानी चार्ज को रखकर विस्‍फोट किया जाता है और पहाड़ तोड़े जाते हैं. इसी तरह चार्ज रखकर नोएडा का ट्वीन टॉवर गिराय जाएगा.रिटायर कर्नल दीपक शरण बताते हैं कि इस तरह के टॉवर को गिराने के लिए सबसे जरूरी विस्‍फोटक की प्‍लेसमेंट और टाइमिंग है. अगर एक साथ पूरी इमारत को गिराया जाए तो नुकसान होने की संभावना अधिक रहती है. इसलिए पूरी इमारत में एक साथ ब्‍लास्‍ट नहीं कराया जाएगा. नौ सेकेंड में सभी ब्‍लास्‍ट होंगे, जिससे पूरी इमारत जमींदोज हो जाएगी.

विस्‍फोटक का उन स्‍थानों पर रखते हैं, हिस्‍सा कमजोर होता है. इसके लिए कमजोर स्‍थान तलाशने पड़ते हैं,इसलिए स्‍ट्रक्‍चरर इंजीनियर विस्‍फोट रखने के दौरान साथ साथ रहता है. क्‍योंकि मजबूत हिस्‍से में ज्‍यादा ताकत वाला विस्‍फोटक रखना होगा, जिससे नुकसान की संभावना अधिक होगी. पूरी इमारत में 3500 किलोग्राम से अधिक का विस्‍फोटक इस्‍तेमाल किया गया है.
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