पालतू कुत्तों के लिए कड़े नियम लागू; एनजीओ के पास छोड़कर जाने लगे हैं लोग
हाउस ऑफ द स्ट्रै एनिमल्स के संचालक संजय महापात्रा ने बताया कि उनके पास कई फोन आ रहे हैं। लोग चाहते हैं कि एनजीओ उनके कुत्ते की देखभाल करे। आलम यह है कि रात में उनकी डिस्पेंसरी के पास जर्मन शेफर्ड व पिटबुल आदि कुत्तों को लोग बांधकर जाने लगे हैं।
शहर की ज्यादातर आरडब्ल्यूए और अपार्टमेंट एसोसिएशन ने पालतू कुत्तों के लिए कड़े नियम लागू कर दिए हैं। कई सोसाइटी में पालतू कुत्तों को लिफ्ट में ले जाने व सार्वजनिक स्थानों पर घुमाने पर रोक लगा दी गई है। साथ ही, मुंह पर जालीदार मास्क लगाना भी अनिवार्य किया है। इसके बाद से कई लोग पालतू कुत्तों की देखभाल के लिए एनजीओ आदि के पास छोड़कर जाने लगे हैं।
हाउस ऑफ द स्ट्रै एनिमल्स के संचालक संजय महापात्रा ने बताया कि उनके पास कई फोन आ रहे हैं। लोग चाहते हैं कि एनजीओ उनके कुत्ते की देखभाल करे। आलम यह है कि रात में उनकी डिस्पेंसरी के पास जर्मन शेफर्ड व पिटबुल आदि कुत्तों को लोग बांधकर जाने लगे हैं। अब हम कुत्तों की देखभाल कर रहे हैं। एनजीओ ने काउंसलर की एक टीम बनाई है, जो फोन करने वाले लोगों को समझा रही है। काउंसिलिंग के कारण ज्यादातर लोग कुत्तों को फिर से रखने पर राजी हो गए हैं। कुत्ते अचानक खतरनाक नहीं हो जाते। उन्हें पालने वाले लोग खानपान व रहन सहन में कुछ न कुछ कमी कर देते हैं। इससे दिक्कत आती है। कुत्तों से एक बच्चे की तरह व्यवहार करें।