जिला कलेक्टर श्री नथमल डिडेल ने छात्र को पैन गिफ्ट कर की हौसला अफजाई,भविष्य के लिए दी शुभकामनाएं*

in #nohar2 years ago

तत्कालीन जिला कलेक्टर श्री पी. सी. किशन ने जिले भर में खोली थी 39 लाइब्रेरी, स्टूडेंट उत्तम का हुआ आईआईटी दिल्ली में सलेक्शन

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हनुमानगढ़, 25 सितंबर। पूर्व जिला कलेक्टर श्री पीसी किशन ने जिले में जिला कलेक्टर रहते हुए पिछड़े इलाकों में 39 लाइब्रेरी खोली थी। जिनमें भामाशाहों के सहयोग से हजारों की संख्या में पुस्तकें भी पढ़ने के लिए रखवाई गई थी। मकसद था कि पिछड़े इलाकों के बच्चे नशे से दूर रहते हुए इन लाइब्रेरी में पढ़कर अच्छा मुकाम हासिल कर सके। कच्ची बस्तियों के आसपास खोली गई इन लाइब्रेरी का असर अब नजर आने लगा है। जंक्शन के सुरेशिया इलाके में खोली गई जॉन मिल्टन लाइब्रेरी के स्टूडेंट उत्तम पुत्र गजेन्द्र सिंह का चयन आईआईटी दिल्ली में हुआ है। खास बात ये कि उत्तम के पिता गजेन्द्र सिंह लोदी वेल्डिंग की दुकान पर काम करते हैं।

छात्र उत्तम ने शुक्रवार को वर्तमान जिला कलेक्टर श्री नथमल डिडेल से मुलाकात की तो जिला कलेक्टर ने छात्र की हौसला अफजाई करते हुए पैन गिफ्ट किया और उज्ज्वल भविष्य की कामना की। तत्कालीन जिला कलेक्टर श्री पीसी किशन द्वारा लाइब्रेरी खोलने के दौरान सक्रिय रहे जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के कार्यालय अधीक्षक श्री बृजमोहन सोखल बताते हैं कि तत्कालीन जिला कलेक्टर ने हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय पर 7 लाइब्रेरी समेत जिले भर में पिछड़े इलाकों में कुल 39 लाइब्रेरी खोली थी। लाइब्रेरी में दिल्ली समेत कई जगहों से पुस्तकें मंगवाई गई। कानपुर से आईआईटी की हिंदी माध्यम की पुस्तकें मंगवाई गई थी। लाइब्रेरी में शतरंज खेलने की भी व्यवस्था की गई थी। स्टूडेंट उत्तम और उसके दो भाई कुलश्रेष्ठ व विशाल पढ़ाई के साथ साथ शतरंज के भी अच्छे खिलाड़ी थे।

उत्तम ने बताया कि वह तत्कालीन जिला कलेक्टर द्वारा सुरेशिया में खोली गई जॉन मिल्टन लाइब्रेरी में घर से टिफिन लेकर सुबह 9 से रात 9 बजे तक पढ़ने जाता था। लाइब्रेरी में यूट्यूब पर ऑनलाइन तैयारी भी की। लाइब्रेरी में पढ़ने का माहौल अच्छा मिला। तत्कालीन जिला कलेक्टर हमें पढ़ने के लिए लगातार प्रोत्साहित करते थे। मैंने लाइब्रेरी में पढ़कर लगातार पढ़ने की आदत डाली। वहां ज्ञान वर्धक अन्य पुस्तकों को भी पढ़ा। अब मेरा चयन आईआईटी में हो गया है तो मोहल्ले भर से मुझे बधाई मिल रहा है। साथ ही बताया कि तत्कालीन जिला कलेक्टर ने लाइब्रेरी में शतरंज की व्यवस्था की तो शतरंज भी सीख लिया। शतरंज प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए कई बार बीकानेर और श्रीगंगानगर गए।

छात्र उत्तम सिंह ने बताया कि परिवार पर कर्जा भी बहुत हो गया था। लोगों ने घर आना और मिलना जुलना भी कम कर दिया था लेकिन अब सभी मुझे बधाई दे रहे हैं। अच्छा लग रहा है। मैने पिता की मेहनत को देखते हुए पढ़ने की ठानी और आज आईआईटी में पढ़ने का मुकाम हासिल किया। आगे आईआईएम में पढ़ाई कर देश सेवा करना चाहता हूं। मां श्रीमती विमलेश देवी और पिता श्री गजेन्द्र सिंह ने खुशी जताते हुए कहा कि तत्कालीन जिला कलेक्टर ने लाइब्रेरी खोली तो इसका फायदा बेटे को मिला।