रीट परीक्षा में जांच के नाम सनातनी आस्था का हुआ अपमान

in #news2 years ago (edited)

विनीता पालिवाल, रीट परीक्षा में जांच के नाम सनातनी आस्था का हुआ अपमान प्रतिभागी की परीक्षा सेंटर पर जनेऊ उतरवाई ओर चोटी की गांठ खुलवाई गई

जब जब सनातनी बोला हैं राजसिंहासन डोला हैं

कहते हैं कि विनाशकाले विपरित बुद्धि
इतिहास गवाह है कि जिसने भी सनातनी से बैर लिया उसका अंत हुआ है जिसमे बड़ा उदाहरण चाणक्य का
चाणक्य की पहचान है उसकी जनेऊ ओर चोटी है

उसी पहचान (इज्जत )पर जब कोई हाथ डाले तब एक चाणक्य ब्राह्मण पैदा होता है जिनके बारे में इतिहास भरा पड़ा है ।
चाणक्य की ताकत व आस्था को एक बार फिर ललकारा गया है । वाकया है गहलोत सरकार द्वारा राजस्थान में 24 जुलाई को आयोजित रीट परीक्षा जहा
राजसमन्द निवासी शशिकांत दीक्षित के साथ वह राजस्थान सरकार द्वारा 23 व 24 जुलाई को आयोजित रीट की परीक्षा के दौरान हुई । शशिकांत 24 जुलाई को रीट की परीक्षा देने के लिए निर्धारित सेंटर उपनगर उच्च माध्यमिक स्कूल धोइंदा पहुचा । वहा पहुचने पर गेट पर खड़े पुलिस वालों ने शशिकांत को जनेऊ ओर सिर की शिखा ( चोटी ) खोलने कहा इस पर दीक्षित ने पुलिस कर्मियों के सामने गिड़गड़ाते हुए अपनी सनातनी आस्था का हवाला देते हुए कहा कि जनेऊ एक बार धारण करने के बाद उतरा नही जाता पर पुलिस वालों ने शशिकांत की एक नही सुनी उल्टा उसको धमकाते हुए कहा कि शिखा (चोटी) नही खोली तो काट देगे । अंत मे दीक्षित को पुलिसकर्मियों की बात मानते हुए उनके आदेश की पालना करनी पड़ी । इस घटना से शशिकांत के साथ सकल सनातनी समाज काफी आहत हुआ है और गहलोत सरकार की तुष्टिकरण की नीति आरोप लगाते हुए सनातनी धर्म का अपमान बताया ।

पुलिसकर्मियों एक आम नागरिक का भारतीय संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का भी हनन के साथ उसकी स्वाभिमान को आगात पहुचाया है। देखते दोषियों के खिलाफ कार्यवाही कब होगी