समूह से मिला हौसला महिलाओं ने दालबडी व जैविक खाद को बना्या व्यवसाय
औरैया। सरकार द्रारा चलाई जा रही स्वयं सहायता समूह के माध्यम से आर्थिक सहयोग देकर महिलाओं को स्वावलंबी बनाने लिए ग्रामीण अंचल की महिलाये काम धन्ने को आगे बढ़ा रही है।इसी क्रम में क्षेत्र के गांव साफर में महिलाएं मूंग खरीदकर आपसी सहयोग से दालबडी तैयार करके दो सौ पचास, पांच सौ,एक किलो ग्राम तक की पैकिंग तैयार करके बाजार में बेच कर महीने में दस से पन्द्रह हजार रूपये कमा कर घर की गाड़ी चला रही है।जैविक खाद तैयार करके बाजार में बेच कर अच्छी खासी कमाई कर रही है। जिले के अजीतमल तहसील क्षेत्र के साफर गांव में चल रहे नारायण हरि स्वयं सहायता की अध्यक्ष कुसमा देवी, उपाध्यक्ष मीरा देवी ने बताया कि मैंने अपने समूह की संगीता चन्द्रकली, सुगन्धी, गीता,सत्यवती समेत दस महिलाओं के सहयोग से दालबडी बनाने का हुनर दिखाते हुए महीने २५से३०किलो दालमिथोरी बनाकर पैकिंग करके बाजार में बेचते हैं जिसमें हमारे पति लाखन सिंह बाजार से मूंग लाने के साथ निर्मित समान को बिकवाने में सहयोग करते हैं।तीन वर्ष पुराने समूह के माध्यम से ५०,०००रूपये का कर्ज लिया था,जिसके सही प्रयोग से लाखों रूपये कमा कर सभी लोगों में बांट चुके हैं।इस काम से हम लोगों का समय पास होने के साथ पैसे की आवक बनी रहती है,जिससे परिवार चलाने में सहजता मिल जाती है।इसमें १किग्रा दाल में ७००ग्राम माल तैयार हो जाता है जो बाजार दो सौ रूपये के भाव में बिक जाती है।वहीं साथ में इन्टरमीडिएट तक शिक्षा प्राप्त ५५वर्षीय कुसमा देवी फुलवारी व फसलों के लिए जैविक खाद बनाने की विधि को बताते हुए गाय के गोवर व मूत्र से तैयार खाद को ५किलो की पैकिंग में तैयार करके बाजार में पति व बच्चों के माध्यम से बिक्री कराके महीने में हजारों रुपए कमा लेती है।पति परचून की दुकान चलाते हैं लेकिन महीने की इनकम हम भी उनके बराबर कर लेती है,जिससे चार बच्चों की शिक्षा दीक्षा कराते परिवार चला रही है। सहायता समूह के ब्लाक मिशन प्रबन्धक एस आई एसडी विमल कुमार ,जगदीश राजपूत ने बताया कि अन्य समूहों की उपेक्षा यह समूह बढ़िया काम करके अच्छा पैसा कमा रहे हैं।