अपने को भक्ति से जोड़ना ही जीवन का श्रेष्ठ सार है: आचार्य
औरैया। जिले के कस्बा सहार स्थित बाबा चन्द्रेश्वर शिव धाम मंदिर पोस्ट ऑफिस के पास श्रीमदभागवत कथा का आयोजन चल रहा है। जिसके आयोजक सुरेश कुमार पांडेय, मोहन पाण्डेय, चन्द्र किशोर पाण्डेय,उमेश, अमित पांडेय, अनूप पांडेय है। श्रीमदभागवत में तीसरे दिन कथावाचक आचार्य अमित मिश्रा ने ध्रुव चरित्र की कथा में ध्रुव के जीवन चरित्र का वर्णन करते हुए और सहज भाव में ध्रुव को साढे 5 वर्ष की अवस्था में भगवान की प्राप्ति हो जाती है। और पुरंजन उपाख्यान में कर्मकांड से लगे हुए मन को हटा करके और भक्ति से जोड़ना ही जीवन का श्रेष्ठ सार है। यह सिद्धांत प्रतिपादित करता है और प्रियव्रत सब कुछ करते हुए जीवन मुक्त है। क्यों कि जो भगवत शरणागति में रहता है। वही जीवन में सफल हो पाता है। क्योंकि व्यक्ति का सिद्धांत एक ही होना चाहिए कि वह संसार में कर्म तो करें लेकिन अपने जीवन में उसका जो मन है। मन की एकाग्रता भगवान के चरणों में लगी रहे। ऐसा प्रियव्रत के चरित्र से मिलता है। इसके बाद यह शरीर मानव शरीर धर्म करने के लिए मिला है। इसलिए अपने जीवन को धर्म में रहकर जीना चाहिए। कथा के परीक्षित धर्म पत्नी सहित चंद्र किशोर पांडेय ने भक्तों सहितकथा का रसपान किया। श्रीमदभागवत के विशेष सहयोगीगण संजीव पांडेय,अनूप पांडे ,अमित पांडे सुनील पांडे, भगीरथ पांडे ,नीलू पांडे अजय पांडे, मुन्नू दादा,विकास पांडे,रिंकू गुप्ता,मंजुल पाठक रवि पांडे ,छोटे भैया, ठाकुर भानुप्रताप,किशन दिवाकर ग्राम प्रधान सहार, अक्षय पांडे एवम समस्त ग्राम वासियों का विशेष सहयोग प्राप्त हो रहा है।