जोधपुर:AIIMS में दुर्लभ वेन ऑफ गैलन बीमारी का उपचार

in #news2 years ago

जोधपुर एम्स में दो बच्चों का जटिल ऑपरेशन कर उन्हें नया जीवन दान दिया है। बच्चों को मस्तिष्क की जन्मजात नसों व धमनियों से जुड़ी दुर्लभ बीमारी वेन ऑफ गैलन थी। राजस्थान का यह पहला मामला बताया जा रहा है। डॉक्टर के अनुसार दोनों बच्चे ऑपरेशन के बाद बिल्कुल स्वस्थ है। करीब 3 घंटे बच्चों को बेहोश कर ऑपरेशन किया गया। और धमनियों को नस से शंट लगाकर अलग किया। इसके लिए डॉक्टरों ने एम्स दिल्ली के डॉक्टरों से भी राय ली। फिर ऑपरेशन किया गया।
विभागाध्यक्ष डॉ पुष्पेंद्र सिंह खेरा ने बताया कि जोधपुर व पाली जिल के दो शिशु उपचार के लिए यहां आए थे। जांच में वे दुर्लभ 'वेन ऑफ गैलन' नाम की एक जटिल बीमारी का पता चला। उन्होंने बताया कि इस बीमारी में म​स्तिष्क की धमनियां केंद्र में स्थि​त बड़ी नस जिसे वैन कहा जाता है, से जुड़ जाती हैं। आम तौर पर धमनियां आक्सीजन सहित ब्लड लाने ले जाने का काम करती हैं। लेकिन सीधे नस से जुड़ जाने से इनका दबाव बढ़ जाता है। जिससे हार्ट प्रोबलम भी बढ जाती है। डॉक्टर ने बताया कि इसका ट्रीटमेंट में सिर्फ यही होता है कि नस को धमनियों से अलग किया जाए। लेकिन प्रक्रिया जटिल और विशेष उपकरण से ही संभव होती है।

दिल्ली एम्स के सीनियर्स से ली राय
डॉ खेरा बताया कि इसके लिए दिल्ली एम्स के सीनियर्स से भी राय ली। उसके बाद शंट लगाकार धमनी और नस के बीच का जोड़ रोका गया। ऑपरेशन रेडियोलॉजी विभाग के डॉ पवन कुमार गर्ग सह–आचार्य, डॉ सर्बेश तिवारी सहायक आचार्य, सीनियर रैजिडैंट डॉ तुषार सुव्रा घोष और डॉ अर्जुन लोकेश एवं शिशुरोग विभाग से डॉ डेजी खेरा पीडियाट्रिक न्यूरो स्पेशलिस्ट एवं एनेस्थीसिया विभाग से प्रोफेसर डॉ प्रदीप भाटिया शामिल थे। ऑपरेशन के दौरान बच्चे तीन घंटे पूरी तरह से बेहोश रहे थे।