जोधपुर:उम्मेद क्लब निर्माण घोटाले में निलंबन का मामला

in #news2 years ago

जोधपुर के प्रतिष्ठित क्लब उमेद क्लब में पूर्व पदाधिकारियों को निर्माण घोटाले के चलते क्लब से निलंबित कर दिया गया था। इस पर उन्होंने कोर्ट में शरण ली और निलंबन पर रोक की मांग की। लेकिन इस मामले में कोर्ट ने उनका प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। ऐसे में उनका उम्मेद क्लब से निलंबन जारी रहेगा।
अपर जिला न्यायाधीश संख्या दो के पीठासीन अधिकारी प्रवीणकुमार मिश्रा ने उम्मेद क्लब के पूर्व अध्यक्ष अनिल भंसाली, पूर्व उपाध्यक्ष अशोक माहेश्वरी, पूर्व सचिव विनय कुमार कवाड तथा पूर्व कोषाध्यक्ष मोतीचंद जैन द्वारा पेश किये गये प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। चारों पदाधिकारियों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में आदेश 39 नियम एक व दो सपठित धारा 151 व्यवहार प्रक्रिया संहिता के तहत प्रार्थना पत्र पेश कर निलम्बन पर रोक की मांग की थी।
प्रार्थना पत्र स्वीकार करने का कोई न्यायोचित आधार उपलब्ध नहीं

इस मामले में कोर्ट ने 89 पेज का आदेश दिया। जिसमें लिखा कि संपूर्ण विवेचन व विश्लेषण के बाद प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने का कोई न्यायोचित आधार उपलब्ध नहीं है। ऐसे में अस्थाई निषेधाज्ञा का प्रार्थना पत्र खारिज किया जाता है।

बता दें कि कि उम्मेद क्लब में तथाकथित निर्माण घोटाले के लिए पिछली आमसभा के पहले वर्ष 2018-20 में चुने हुए पदाधिकारी अध्यक्ष अनिल भंसाली, सचिव विनय कवाड, उपाध्यक्ष अशोक माहेश्वरी एवं कोषाध्यक्ष मोतीचंद जैन की अनियमितताओं के चलते निलंबित कर क्लब में प्रवेश पर रोक लगाई गई थी। इसके बाद वार्षिक आमसभा में सदस्यों ने उपरोक्त चारों पदाधिकारियों की सदस्यता को निष्कासित करने का प्रस्ताव पारित किया गया, साथ ही साधारण सभा में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कर न्यायिक कार्रवाई की जाए ।

24 सितम्बर की थी सदस्यता समाप्त

आम सभा के प्रस्ताव अनुसार उपरोक्त पदाधिकारियों द्वारा संतोषजनक जवाब न मिलने के पश्चात सदन के प्रस्ताव अनुसार गत 24 सितम्बर 2021 को चारों पूर्व पदाधिकारियों की सदस्यता को समाप्त कर दिया गया था। क्लब के इसी निलंबन आदेश को लेकर पूर्व पदाधिकारियों ने न्यायालय में निलंबन पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दी। क्लब की ओर से अधिवक्ता ओमप्रकाश मेहता, मुक्तेश माहेश्वरी तथा सुनील वर्मा ने पैरवी की।