प्रधानों ने समस्याओं पर तीन सूत्रीय मांग पत्र दिया

in #news2 years ago

IMG-20220730-WA0019.jpgऔरैया। जिले के विकास खण्ड बिधूना के ब्लाक सभागार में प्रधान संघ अध्यक्ष निर्भय सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रधानों ने बैठक कर ग्राम पंचायत निधि में होने वाली कटौती, मनरेगा मजदूरों का बटवारा व सचिवों की नियुक्ति आदि समस्याओं पर चर्चा की |चर्चा के बाद प्रधान संघ ने यह भी ताकीद कराया कि यदि अतिशीघ्र समस्याओं का निराकरण न किया गया तो वह धरना प्रदर्शन करने के साथ त्याग पत्र तक देने को विवश हो जायेंगे |खंड विकास अधिकारी ने ग्राम प्रधानों को समस्याओं के निराकरण का भरोषा दिलाया है |कहा उनके स्तर की जो समस्याएं होंगी उनका उनके स्तर से निराकरण कराया जायेगा |जो शासन स्तर की समस्याएं होंगी उनको शासन स्तर से निस्तारित कराने का प्रयास किया जायेगा|
विकास खंड बिधूना के सभागार में शनिवार को ग्राम प्रधान संघ की बैठक अध्यक्ष निर्भय सिंह की मौजूदगी में सम्पन्न हुई। बैठक में प्रधानों के सामने आने वाली समस्याओं पर चर्चा के साथ ग्राम पंचायत निधि से 60 प्रतिशत होने वाली कटौती पर आक्रोश व्यक्त किया गया। साथ ही मांग की गयी कि पूर्व की भांति पूर्ण पंचायत निधि जारी की जाये। इसके अलावा मनरेगा मजदूरों के किये गये बटवारा पर नाराजगी जाहिर करते हुए सभी मजदूरों को एक साथ देने की बात कही गयी।
इसके अलावा ग्राम पंचायत सचिवों की नियुक्ति में प्रधानों की सलाह लिए बिना बनाये गये क्लस्टर पर भी नाराजगी जाहिर की गयी और कहा गया कि सचिवों की नियुक्ति के समय प्रधानों की सलाह ली जाये। इस पर सभी उपस्थित सदस्यों ने अपनी सहमति व्यक्ति की | जिसके बाद सभी प्रधानों ने अध्यक्ष निर्भय सिंह की मौजूदगी में उक्त निर्णय से खंड विकास अधिकारी अधिकारी जितेन्द्र बाबू को अवगत कराते हुए कहा कि ग्राम पंचायत निधि की धनराशि पूर्व भांति पूरी दी जाये। सभी मनरेगा मजदूरों को एक साथ काम करने दिया जाये साथ ही ग्राम पंचायत में सचिव की नियुक्ति में प्रधानों की सलाह ली जाये। यदि उनकी इन मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह धरना प्रदर्शन करने के साथ त्याग पत्र देने को वाध्य हो जायेंगे।
बैठक में प्रधान संघ के अध्यक्ष निर्भय सिंह के अलावा हरेन्द्र सिंह, अमित कुमार, खुशी लाल, कुसमा देवी, गीता देवी, भानू प्रताप वर्मा अनीता देवी, सूरज मुखी, पिंकी देवी देवी आदि दो दर्जन से अधिक प्रधान व उनके प्रतिनिधि मौजूद रहे।