गीता परिवार : 14 बटुकों का हुआ यज्ञोपवीत संस्कार

in #news2 months ago (edited)

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गीता परिवार द्वारा वैदिक आचार्यों ने शास्त्रीय विधि विधान से छिंदवाड़ा रोड हाऊसिंग बोर्ड कालोनी स्थित राजश्री पैलेस में आचार्य पं. जानकी वल्लभ मिश्र की उपस्थिति में सात जुलाई रविवार को 14 बटुक ब्राम्हणों का यज्ञोपवीत संस्कार कराया। पंडित जानकी बल्लभ मिश्रा ने सभी बटुकों को गुरूमंत्र से दीक्षित किया।

इस अवसर पर मौनी बाबा आश्रम मझगवां के संत बलबंतानंद महाराज भागवताचार्य पंडित जगमोहन मिश्रा की उपस्थिति रही। कर्मकांडी वैदिक शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने प्रवृत करने की शास्त्रीय परंपरा के अनुसार बटुकों के उपनयन संस्कार की शास्त्रीय विधि अनुसार विद्वान आचार्यों ने उपनयन संस्कार किया। कार्यक्रम रविवार सुबह प्रारंभ होकर दोपहर बाद तक चला। इसमें 14 बटुक ब्राम्हणों का यज्ञोपवीत संस्कार किया गया।कार्यक्रम में बटुको के माता-पिता, बहिन भाई, मामा, बुआ सहित अन्य स्नेही व स्जवन उपस्थित रहे। सभी बटुक ब्राम्हणों को गायत्री मंत्र की दीक्षा सहित ब्राह्मणत्व के आवश्यक दिशा निर्देश व जीवन को सात्विक धर्म पालन, परोपकार की भावना से संपूर्ण समाज के कल्याण के संकल्प के साथ कार्य करने की मनोवृत्ति बनाने की दीक्षा दी गई। सभी बटुक पंडित जानकी बल्लभ मिश्रा से वैदिक शिक्षा ग्रहण कर रहे है और कर्मकांड की शास्त्रीय विधि का नियमित अध्ययन कर रहे है। मिश्रा के आचार्यत्व में साल 1992 से निरंतर वैदिक विधि से कार्मकांड की शिक्षा का क्रम चल रहा है और प्रतिवर्ष सामूहिक रूप से यज्ञोपवीत संस्कार कराया जाता है। इसमें बटुक ब्राम्हणों का बड़ी संख्या में यज्ञोपवीत संस्कार किया जा चुका है। निवास स्थल पर बटुक ब्राम्हणों को कर्मकांड व वैदिक मंत्रों व शास्त्रों की शिक्षा दी जाती है। गीता परिवार का गठन कर जन-जन तक गीता का संदेश पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। यज्ञोपवीत संस्कार कार्यक्रम में नरेद्र टांक, रामनरेश कौशिक, प्रकाश शर्मा, गुरू परिवार के सदस्यों का सहयोग रहा।

बताया गया कि इस आयोजन से भौतिकता व पश्चात संस्कृति के ओर भाग रहे वर्तमान दौर की युवा पीढ़ी पर वैदिक संस्कृति, शास्त्रों के जनजागृति लाने की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है।

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