भारत की दलगत राजनीति ने ठेट नीचे तक अपनी सेंधमारी कर रखी है।
भारत की दलगत राजनीति ने ठेट नीचे तक अपनी सेंधमारी कर रखी है।
बोधिसत्व ने ठीक ही कहा था कि "यदि तुम पेड़ की तरह चुप रहोगे तो वे तुम्हें अपनी कुर्सी अपना तख्त बना लेंगे !!!!" और ठीक होता रहा, यही । कोई भी राजनीतिक पार्टी के बेनर तले आए बिना चुनाव में जीत हासिल करने की सोच भी नहीं सकता। लेकिन हाल ही में हुए कालेज के चुनावों ने आम जन को एक अनुकरणीय सीख दी है कि किसी भी पार्टी के बेनर के बिना भी जीत हासिल की जा सकती है ।
सोजत कालेज में अध्यक्ष पद से हितेश चौहान, उपाध्यक्ष के लिए मोहित गहलोत, महासचिव पद पर सपना चौहान और संयुक्त सचिव के लिए विकास चौहान ने निर्दलीय के रूप में खड़े होकर ABVP और NSUI के बैनर से सामने खड़े प्रत्याशियों को भारी अंतर से शिकस्त दी है।
राजनीति में सबसे निचले पायदान पर खड़ी इस छात्र राजनीति ने आम जन को एक अनुकरणीय सीख दी है।
अतःवर्तमान परिस्थितियों में एक तटस्थ लोकतंत्र की स्थापना के लिए आम जन को इस छात्र राजनीति से सीख लेकर दलगत राजनीति को ध्वस्त कर एक नये भारत की नीव रखनी चाहिए।
सभी विजेता उम्मीदवारों को उनके इस सफल अनुप्रयोग पर ढ़ेर सारी शुभकामनाओं के साथ बधाई ।
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