200 वर्षों से चली आ रही सती माता मंदिर लाम्बा जाटान में सामूहिक भोज की यह परंपरा

in #news3 months ago (edited)

200 वर्षों से चली आ रही सती माता मंदिर लाम्बा जाटान में सामूहिक भोज की यह परंपरा

सती माता मंदिर में धोक लगा, खुशहाली ,सुख शांति की मन्नत मांग परिक्रमा लगाई भक्तों ने

लाम्बा जाटान. गांव लांबा जाटान में
यह प्रथा ग्रामीण क्षेत्र में 200 वर्षों से चली आ रही है। नागौर जिले में मेड़ता सिटी उपखंड के लाम्बा जाटान गांव में पिछले 200 वर्षों से चली आ रही है इस सामूहिक भोज प्रसाद कार्यक्रम में सम्पूर्ण गांव के लोग सती माता मंदिर में पूजा पाठ एव परिक्रमा लगाकर लापसी खडी का भोजन करते हैं। बुजुर्गों ने बताया कि सती माता अपनी पति की मृत्यु होने पर स्वयं कंवारी कन्या के रूप में अपने पति के पीछे सती हो गई। सती होने से पहले घर वालों ने रोकने की कोशिश की फिर भी भगवान की लीला से अपने आप अग्नि प्रज्वलित होने से सती हो गई। उसी दिन को लेकर निर्जला एकादशी को शाम संगत होती हैं। दूसरे दिन मंदिर परिसर में धूप भोग महा प्रसादी कार्यक्रम का आयोजन होता है। जिसमे सम्पूर्ण गांव के लोग भोजन करते हैं। उसी परंपरा को आज भी इस को युवा पीढ़ी निरंतर परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की परंपरा से ग्रामीणों के बीच एकता और भाईचारा भी बढ़ता है। हमारे पूर्वजों द्वारा बनाई गई कई परंपराएं आज भी लोगों के जीवन के लिए वरदान बनी हुई हैं।

मंदिर में मसा,बवासीर पीड़ित व्यक्ति एक ही परिक्रमा में तैयार होता है

वही सती माता मंदिर परिसर में भोजन प्रसादी की एक विशेषता हैं की कभी भी लापसि खडी की प्रसादी की कमी नहीं आती है। जबकि पूरे दिन हजारों की तादात में भक्त मंदिर परिसर में आकर भोजन प्रसाद करते हैं। वही मंदिर परिसर में यहां आने वाले भक्त सच्चे मन से मसा,बवासीर पीड़ित व्यक्ति परिक्रमा करने पर तैयार होते हैं।
वही मंदिर में खडी, लापसी दो अलग अलग कढाव में रात को ही सामूहिक रूप से तैयार की जाती है। जिससे दिन में हजारों की तादात में भक्त महा प्रसादी का आनंद लेते हैं।