गहलोत राज में सनातनी आस्था के साथ खिलवाड़ रीट परीक्षा में जांच के नाम उतरवाई जनेउ
रीट की परीक्षा के नाम प्रतिभागी की आस्था से खिलवाड़
राजसमन्द । भारतीय संविधान में देश मे हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत आर्टिकल 25 से 28 तक पूरी आजादी दी गई है कि कोई भी नागरिक अपने अंतःकरण की आत्मा से धार्मिक आजदी का पालन कर सकता है । लेकिन राजस्थान में 23 ओर 24 जुलाई को हुई रीट की परीक्षा में बैठने वाले प्रतिभागियो के चैकिंग के नाम एक हिन्दू सनातनी ब्राह्मण की आस्था की खिलवाड़ करते हुए पुलिसकर्मियों ने प्रतिभागी की सिर की शिखा में बंधी गांठ खोलने के साथ उसकी जनेऊ तक उतरवा दी । प्रतिभागी पुलिस वालों के आगे लाख मन्नत करता रहा पर किसी पुलिसकर्मी का दिल नही पसीजा । आखिर में उस सनातनी हिन्दू प्रतिभागी को अपने सिर की शिखा की गांठ खोलने के साथ जनेऊ उतारना पड़ा । इस घटना के सामने आने के बाद सनातनी हिंदुओ में गहलोत सरकार के खिलाफ काफी रोष व्याप्त है । दोषी पुलिस वालों के खिलाफ उचित कार्यवाही करने मांग कर रहे हैं । यह घटना घटित हुई है राजसमन्द निवासी शशिकांत दीक्षित के साथ वह राजस्थान सरकार द्वारा 23 व 24 जुलाई को आयोजित रीट की परीक्षा के दौरान हुई । शशिकांत 24 जुलाई को रीट की परीक्षा देने के लिए निर्धारित सेंटर उपनगर उच्च माध्यमिक स्कूल धोइंदा पहुचा । वहा पहुचने पर गेट पर खड़े पुलिस वालों ने शशिकांत को जनेऊ ओर सिर की शिखा ( चोटी ) खोलने कहा इस पर दीक्षित ने पुलिस कर्मियों के सामने गिड़गड़ाते हुए अपनी हिन्दू आस्था का हवाला देते हुए कहा कि जनेऊ एक बार धारण करने के बाद उतरा नही जाता पर पुलिस वालों ने शशिकांत की एक नही सुनी उल्टा उसको धमकाते हुए कहा कि शिखा (चोटी) नही खोली तो काट देगे । अंत मे दीक्षित को पुलिसकर्मियों की बात मानते हुए उनके आदेश की पालना करनी पड़ी । इस घटना से शशिकांत के साथ सकल हिन्दू समाज काफी आहत हुआ है और गहलोत सरकार की तुष्टिकरण की नीति आरोप लगाते हुए हिन्दू धर्म का अपमान बताया