आमी नदी के कछार क्षेत्र में पानी में डूबे हैं हजारों एकड़ खेत*

in #news2 years ago

गेहूं की बुआई को लेकर किसानों में हाहाकार

किसानों ने एसडीएम से की जल निकासी की मांग

गोरखपुर।
बांसगांव। जल निकासी का मार्ग अवरूद्ध हो जाने से आमी नदी की बाढ़ के पानी में डूबे पड़े हजारों एकड़ खेत में रबी फसलों की बुआई का किसानों के समक्ष संकट पैदा हो गया है। मंगलवार को दर्जनों किसानों ने एसडीएम को पत्र सौंपकर इस समस्या का समाधान कराने की मांग की है।

नगर पंचायत बांसगांव के वार्ड न0 10 के निवासी तथा पीजी कालेज बांसगांव के प्रबंधक विजय कुमार सिंह बबलू के नेतृत्व में किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम/ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नेहा बंधु से भेंटकर उन्हे एक ज्ञापन सौंपकर जलजमाव की समस्या से किसानों को होने वाली सम्भावित क्षति के बारे में विस्तार से अवगत कराया।

  ज्ञापन में बताया गया है पिछले अक्टूबर माह में हुई अतिवृष्टि के कारण आमी नदी में आई बाढ़ से पूरा कछार क्षेत्र जलमग्न हो गया था। अब बाढ़ का पानी धीरे धीरे उतरने लगा है। लेकिन भष्मा गांव के मछुवारों द्वारा सीवान पर स्थित जल निकासी के मार्ग को सकरा कर उस पर मोटी पर्त वाली जाल लगा देने के कारण पानी का बहाव अत्यंत धीमी गति से होने के चलते राजस्व ग्राम ताल अमियार तथा आबगीर मौजे में हजारों एकड़ खेत अभी भी जलमग्न पड़े हैं। जिससे खेतों में गेहूं की बुआई की तैयारी का काम ठप पड़ा है। 

   ऐसे में जल निकासी कराने का यदि शीघ्र उपाय नहीं तलाशा जायेगा तो एक से डेढ़ हजार एकड़ भूमि बुआई से वंचित हो जायेगा। जिससे सैकड़ों किसानों को भारी आर्थिक क्षति होने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता। साथ ही जिले में गेहूं उत्पादन के सरकारी लक्ष्य पर भी प्रतिकूल असर का पड़ना तय हैं। प्रतिनिधिमंडल में शिवकुमार सिंह, विजय बहादुर सिंह, जगदीश सिंह, रीतेश कुमार सिंह, गौरव सिंह, विनोद सिंह, शिव प्रताप सिंह, जयसिंह, संदीप सिंह, प्रभाकर सिंह सहित बड़ी संख्या में किसान शामिल थे।