मध्य प्रदेश के इस अभ्यारण्य में रहता है बाघों का सबसे बड़ा परिवार
मध्य प्रदेश के इस अभ्यारण्य में रहता है बाघों का सबसे बड़ा परिवार
मध्य प्रदेश के रायसेन (Raisen) जिला स्थित रातापानी वन्यजीवन अभयारण्य (Ratapani Wildlife Sanctuary) में बाघों का कुनबा (Family of Tigers) बढ़ रहा है. राजधानी भोपाल (Bhopal) से सटे अभयारण्य में 11 शावकों (Cubs) का जन्म हुआ है. अभयारण्य में बाघों की बढ़ती संख्या देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है, क्योंकि यहां बाघों का सबसे बड़ा कुनबा रहता है.
भोपाल कोलार और रायसेन क्षेत्र से जुड़ा हुआ यह देश का एकमात्र ऐसा अभयारण्य है, जहां पर बाघों की संख्या में राष्ट्रीय उद्यानों से भी ज्यादा इजाफा हुआ है. एक ओर जहां देश में बाघों के संरक्षण के लिए टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) बनाए गए हैं, उनकी तुलना में भी इस अभयारण्य में बाघों की संख्या कहीं अधिक है. वर्तमान में रातापानी अभयारण्य में 45 से ज्यादा बाघ और 80 तेंदुए हैं.
ऐसे देखा जा रहा शावकों का मूवमेंट
हाल में रातापानी अभयारण्य के अंदर चार बाघिनों ने 11 शावकों को जन्म दिया है. अभयारण्य में शावकों का मूवमेंट देखा जा रहा है. इस मूवमेंट को कैद करने के लिए 406 कैमरे भी अभयारण्य में लगाए गए हैं. सेंचुरी के अधीक्षक सुनील भारद्वाज ने एबीपी संवाददाता से कहा, ''देश के अंदर कई राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य है, जहां पर बाघों का मूवमेंट पाया जाता है लेकिन रातापानी अभयारण्य बाघों की संख्या में बड़ी मात्रा में इजाफा हुआ है. अभी-अभी शावकों के जन्म के कारण बाघों का रुख आक्रामक है, जिसके चलते आसपास के इलाकों में मुनादी करा दी गई है कि ग्रामीण जंगली क्षेत्रों में जाने से बचें.''
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