मुरैना: दो साल के भाई का शव गोद में लेकर बैठा रहा

in #news2 years ago

मुरैना (नईदुनिया न्यूज)। दो साल के मासूम बच्चे की मौत और उसके शव को गोद में लेकर सड़क किनारे बैठे रहे आठ साल के बच्चे के मामले में दूसरे दिन रविवार को प्रशासन ने संवेदना दिखाई। कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने इस मामलें में अस्पताल प्रबंधन व इलाज कर रहे डाक्टरों की लापरवाही मानीं और मृतक बच्चे के परिवार को रेडक्रास सोसायटी के मद से 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद दिलवाई।गाैरतलब है कि शनिवार को अंबाह के बड़फरा गांव निवासी पूजाराम जाटव के दो साल के बेटे राजा की तबियत खराब होने के बाद उसे अंबाह अस्पताल से मुरैना जिला अस्पताल रेफर किया गया था। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान राजा ने दम तोड़ दिया। गरीब पूजाराम के साथ उसका आठ साल का बेटा गुलशन भी था। उसे दो साल के बेटे का शव घर ले जाने के लिए अस्पताल से एंबुलेंस या अन्य कोई वाहन नहीं मिला। जिला अस्पताल में खड़ी रहने वाली एंबुलेंस के संचालकों ने एक से डेढ़ हजार रुपये भाड़ा मांगा, जो गरीब पूजाराम के पास नहीं थे। इसके बाद पूजाराम सस्ती रेट में कोई वाहन तलाशने के लिए निकल गया, इस दौरान आठ साल का गुलशन अपने दो साल के भाई राजा के शव को लेकर नेहरू पार्क के सामने, सड़क पर नाले किनारे बैठा रहा। इस दौरान राहगीरों ने यह देखा तो भीड़ जुट गई, देखने वालों कीसिविल सर्जन पर भड़के कलेक्टर, जमकर सुनाई खरीखोटी: रूह कंपाने व विचलित कर देने वाला यह घटनाक्रम नईदुनिया ने ही प्रमुखता से छापा। नईदुनिया की खबर के बाद कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने रविवार की सुबह ही जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डा. विनोद गुप्ता को बुलाकर उन्हें जमकर खरीखोटी सुनाई। सूत्रों के अनुसार कलेक्टर इसे इस मामले में जिला अस्पताल प्रबंधन व ड्यूटी डाक्टर की लापरवाही बताई और सीएमचओ डा. राकेश शर्मा को निर्देश दिए कि, रेडक्रास सोसायटी के मद से 10 हजार रुपये की मदद पीड़ित परिवार को दिए जाएं, इसके बाद सीएमचओ ने बड़फरा गांव जाकर पीड़ित पूजाराम जाटव को 10 हजार रुपये की मदद उपलब्ध कराई।

1657523052493.jpg