जालौन :- इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ
जनपद-जालौन कोंच में फ़िल्म फेस्टिवल की आत्मनिर्भर कार्यशाला में बच्चों ने बनाए बैच
कार्यशालाएं व्यक्तित्व का निर्माण करती-अनिल वैद
सच्ची लगन हो तो सफलता खुद वा खुद मिल जाती है- चतुर्भुज चंदेरिया
कोंच (जालौन) मुरली मनोहर मंदिर के हॉल में कोंच इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। कार्यशाला में प्रथम दिन प्रतिभागियों ने बेस्ड मैटेरियल से बैच बनाए।
कार्यशाला का शुभारंभ वरिष्ठ समाजसेवी अनिल कुमार वैद एडवोकेट, स्वर्णकार समाज के अध्यक्ष चतुर्भुज चंदेरिया, मुंबई से आए जय वर्मा, रागनी वर्मा एवं रामरतन चंदेरिया द्वारा फीता काटकर किया गया।
कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए समाजसेवी अनिल कुमार वैद ने कहा कि कोंच इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल प्रतिभाओं को निखारने एवं उन्हें लाने के लिए निरन्तर प्रयासरत है, कार्यशालाएं प्रतिभा निखारने के साथ साथ बेहतर व्यक्तित्व का निर्माण करती है।
स्वर्णकार समाज के अध्यक्ष चतुर्भुज चंदेरिया ने कार्यशाला शुभारंभ अवसर पर कहा कि मन में लक्ष्य के प्रति यदि दृढ़ संकल्प हो तो संसाधनों के अभाव जैसी चुनौतियां भी खुद वा खुद परास्त होने लगती है और हमारी लगन हमारी हमारा परिश्रम हमें सफलता तक ले जाता है, इसलिए समस्याओं से डरना नहीं बल्कि उनका मुकाबला करना चाहिए।
मुंबई से वरिष्ठ समाजसेवी जय वर्मा ने कहा कि कोंच जैसे छोटे से कस्बे में कोंच इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल का साकार रूप लेना बहुत ही सराहनीय है, फेस्टिवल के माध्यम से प्रतिभाओं को एक मुक्कमल मंच एवं बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा।
मुंबई रहकर निरन्तर कोंच फ़िल्म फेस्टिवल को अपना सपोर्ट प्रदान करने वाली रागिनी वर्मा ने कहा कि आप लोगों के पास अवसर है, कोंच फ़िल्म फेस्टिवल ने मौका दिया है आप सब सीखिए और सक्रियता के साथ सहभागिता कीजिए क्योंकि प्रतिभा उम्र की नहीं प्रदर्शन की पूरक होती है।
सर्राफा व्यवसायी रामरतन चंदेरिया ने कहा कि आंखे भले ही छोटी हो मगर सपने बड़े होने चाहिए। उन्हें पूरा करने की सच्ची ललक होनी चाहिये।
कार्यशाला की प्रशिक्षिका नैना अग्रवाल एवं निधि सोनी ने कहा कि बेस्ड मैटेरियल को हम कबाड़ में बेच देते है लेकिन उसे कबाड़ में न बेचकर उससे बहुत कुछ बनाया जा सकता है जो साज सज्जा के साथ साथ आर्थिक उन्नयन का भी लाभ प्रदान कर सकता है।
संस्थापक/संयोजक पारसमणि अग्रवाल ने बताया कि दो दिवसीय आत्मनिर्भर कार्यशाला मे आज प्रतिभागियों ने बैच बनाएं। कल बुकें बनाना सिखाया जाएगा इसके साथ ही आगामी 27 अप्रैल को कार्यशाला में बनाये गए बैच बुकें की प्रदर्शनी राधारानी वाटिका मुरली मनोहर मंदिर में लगाई जाएगी।