बहुत ही निंदनीय ऐसी माँ को तो ओलांद का सुख भी नही मिलना चाहिए, एक जमाना था जब कहा जाता था कि माँ कैसी भी हो लेकिन अपने जिगर के टुकड़े पर कभी आंच नही आने देती, और एक आजकल की माँ है जो इतनी निर्दयी हो गयी अपनी सुख सुविधाओं ने....।
बहुत ही निंदनीय ऐसी माँ को तो ओलांद का सुख भी नही मिलना चाहिए, एक जमाना था जब कहा जाता था कि माँ कैसी भी हो लेकिन अपने जिगर के टुकड़े पर कभी आंच नही आने देती, और एक आजकल की माँ है जो इतनी निर्दयी हो गयी अपनी सुख सुविधाओं ने....।