कन्नौज में फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' का विरोध शुरू:राजा जयचंद को गद्दार दिखाए जाने पर नाराजगी,
समिति के संस्थापक नवाब सिंह यादव ने बताया कि फिल्म में राजा जयचंद को गद्दार दिखाया गया है, जबकि कन्नौज के राजा जयचंद के गद्दार होने का इतिहास में कहीं कोई प्रमाण नहीं मिला है।
उन्होंने कहा कि पृथ्वीराज रासो के आधार पर इतिहास को तोड़--मरोड़ कर पेश किया गया है। फिल्म में जयचंद को खलनायक और गद्दार की भूमिका में दिखाया गया है, जोकि गलत है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर कोर्ट जाएंगे। पृथ्वीराज की गलती से ही भारत मुगलों का गुलाम बना था।
संस्था के सदस्य डॉ. अरुण कुमार तिवारी ने कहा कि फिल्म में दिखाया गया कि पृथ्वीराज से बदला लेने के लिए जयचंद ने मोहम्मद गौरी को बुलाया था। उसकी उसकी सहायता की थी। वहीं, इतिहास पढ़ते हैं तो ऐसे कोई सबूत नहीं मिलते हैं, जिनके आधार पर जयचंद को गद्दार ठहराया जा सके।
पृथ्वीराज और जयचंद मौसेरे भाई थे
इस मामले में रिटायर्ड प्रिंसिपल समरजीत अग्निहोत्री ने कहा कि जयचंद और पृथ्वीराज मौसेरे भाई थे। सम्राट जयचंद चक्रवर्ती सम्राट थे। उनके साथ इतिहास में गलत किया गया। उनका साम्राज्य दूर–दूर तक फैल था। उस समय उत्तर भारत राजधानी के रूप में कन्नौज विख्यात था।।
उन्होंने कहा कि जयपुर के साहित्य लेखक डॉ. आनंद शर्मा ने जयचंद पर ऐतिहासिक शोध किया है। उन्होनें अपने उपन्यास में जयचंद को धर्मपरायण व देशभक्त राजा की संज्ञा दी है। उन्होंने लिखा है कि ऐसा इतिहास में कुछ नहीं मिला, जिसके आधार पर जयचंद को गद्दार माना जा सके।
कान्यकुब्ज सांस्कृतिक समिति के संस्थापक नवाब सिंह यादव ने कहा कि पृथ्वीराज रासो को छोड़कर इतिहास में कोई भी ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर जयचंद को गद्दार साबित करता है। तो समिति 5 लाख रुपए का ईनाम दिया जाएगा।