ऊँचाई
सिर्फ घर छोटा हैं,दिल का मकान बहुत ऊँचा है
बच्चों के सपनों का आसमान बहुत ऊँचा है
बाप का कंधा है थोड़ा झुका ही मिलेगा, पर
पसीने की हरेक बूंद का ईमान बहुत ऊँचा है।
मेहनत की ही रोटी खाता हूँ और खिलाता हूँ
जली हुई रोटी का भी सम्मान बहुत ऊँचा है
आपकी आवाज ऊँची है आपका घर ऊँचा होगा
मैं श्रमिक,मेरी पगड़ी,मेरा गिरेबान बहुत ऊँचा है।
बुनियाद हूँ आपके महलों का दिखता नहीं सबको
मेरी खामोश राष्ट्रभक्ति, राष्ट्रगान बहुत ऊँचा है
आप संभालो झंडे,डंडे,भाषण,संसद,लालकिला
शाइनिंग इंडिया से मेरे गाँव का हिंदुस्तान बहुत ऊँचा है