मेरी मेहनत

in #news2 years ago

मेरी रविश का सिला मिला है मुझकों
शराफ़त का नाकामी ईनाम मिला है मुझकों ।।

मेरी मेहनत के होंटों पर इक आस थी
वक्त ने आज भी प्यासा रखा है मुझको ।।

जिस कश्ती के लिए लड़ा में तूफानों से
उसी ने मझधार में फिर छोड़ा है मुझको ।।

इश्क की नाकामी से उभर चुका था
जिंदगी ने मगर बहुत तड़पाया हैं मुझको ।।

ख़ाकसारी में कटी यू तो जिंदगी मेरी
दीवानों ने मगर सिर पर चढ़ा रखा है मुझको ।।

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