सुबह होते ही

in #news2 years ago

सुबह होते ही
एक आस जगती है,
शाम को उदासी घिर जाती है,
रात तड़प में कटती है,
आंखें थक गईं राह देखते-देखते
होंठ भी थक गए कुछ कहते-कहते,
अंतर्मन में अब शब्द भी नहीं बचे,
कि कुछ रच डालूं
प्रभु से स्तुति भी की
बस अब आप को पा लूं,
अब तो आ जाइए
मानेंगे कैसे वह तो बताइए ।

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Good job