डायबिटीज पर सामने आई नई रिसर्च, जानिए भोजन में कितने घंटे का रखना चाहिए गैप
दुनिया भर में डायबिटीज सबसे ज्यादा परेशान करनेवाली बीमारियों में एक माना जाता है। इसे समझने और कंट्रोल करने के लिए तमाम तरह के रिसर्च चल रहे हैं। इसी तरह के एक रिसर्च में खाने की टाइमिंग को लेकर नई जानकारी सामने आई है। ताजा अध्ययन के मुताबिक तय समय पर भोजन यानी (TRE) से शरीर का मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है, क्योंकि इससे रात भर के उपवास की समय सीमा भीबढ़ जाती है। शोधकर्ताओं ने TRE के प्रभावों के व्यापक अध्ययन के लिए टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीज़ों में हेपेटिक ग्लाइकोजन के स्तर और इंसुलिन सेंसिटिविटी की जांच की। उन्होंने पाया कि 10 घंटे का यह उपवास टाइप 2 डायबिटिज़ के मरीज़ों में 24 घंटे के ग्लूकोज होमियोस्टेसिस में सुधार का एक सुरक्षित और प्रभावी माध्यम है।
भारत में क्या है स्थिति?विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुमान के अनुसार, भारत में 18 वर्ष से अधिक आयु के 7 करोड़ 70 लाख लोग डायबिटीज़ (टाइप 2) से पीड़ित हैं और लगभग 2 करोड़ 50 लाख लोग प्री-डायबिटिक हैं। परेशानी की बात ये है कि इनमें से 50 प्रतिशत से अधिक लोग अपनी इस स्थिति से भी अनजान हैं। ऐसे में समय पर इलाज और सावधानी नहीं बरतने से आगे चल कर समस्या गंभीर हो सकती है।
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