मौत के मुआवजे में भी दलाली

in #news2 years ago
  • 20.jpgदलाल और श्रम विभाग के 2 कर्मचारी 20 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार
    चित्तौड़गढ़। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजसमंद ने चित्तौड़गढ़ में डेथ क्लेम पास करवाने के बदले में श्रम विभाग के दो जिला प्रबंधक (संविदा कर्मी) और एक दलाल को 20 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए। इस कार्रवाई का सत्यापन 10 मई को किया जा चुका था।
    भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक अनूप सिंह ने बताया कि परिवादी का नाम उसकी मांग के अनुसार गोपनीय रखा गया है। परिवादी के पिता श्रमिक थे और उनकी मौत हो जाने के बाद सरकार की ओर से दो लाख रुपए सहायता राशि दी जानी थी, लेकिन सहायता राशि दिलवाने और उसमें रुकावट पैदा ना हो इसके लिए श्रम विभाग के दो संविदा कर्मी दलपत सिंह पुत्र अर्जुन सिंह राजपूत और कुलदीप सिंह पुत्र बलवंत सिंह राजपूत, जोकि श्रम विभाग में जिला प्रबंधक के पद पर कार्यरत है, ने 25 हजार रुपए की रिश्वत राशि मांग की थी।
    इसकी शिकायत परिवादी ने राजसमंद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को की। आरोपी दलपत सिंह ने दबाव बनाकर 10 हजार रुपए पहले ही ले लिए थे। जिस का सत्यापन 10 मई को किया गया था। इसके बाद 25 हजार रुपए कुलदीप सिंह ने एक दलाल के जरिए मांगे। गुरुवार देर शाम को 20 हजार रुपए लेते हुए दलाल और होटल व्यवसायी निम्बाहेड़ा निवासी नंदलाल पुत्र चांदमल छिपा को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। वहीं आरोपी दलपत सिंह और कुलदीप सिंह के मामले में शामिल होने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
    एसीबी ने संविदाकर्मी के मोबाइल से पकड़ी वॉयस रिकॉर्डिंग
    इस मामले में संविदाकर्मियों ने पूरी चालाकी दिखाई लेकिन एसीबी के सामने एक ना चली। रिश्वतखोर कुलदीप सिंह और दलपत सिंह ने पहले फरियादी को रूपये लेकर मुख्यालय पर बुलाया और बाद में उन्होनें निम्बाहेड़ा में स्थित होटल में दलाल को रूपये देने को कहा तो एसीबी ने निम्बाहेड़ा में भी जाल बिछा दिया। इस दौरान संविदाकर्मी ने दलाल नन्दलाल छीपा को वाट्सएप पर रिकॉर्डिंग करके भेजी और 20 हजार रूपये फरियादी से लेने को कहा। वॉयस रिकार्डिंग में संविदाकर्मी ने 20 हजार रूपये लेकर कॉल नहीं करने की हिदायत दी, लेकिन एसीबी ने फरियादी से दलाल को 20 हजार रूपये लेते हुए रंगे हाथों धर दबोचा। वहीं रिकॉर्डिंग भी एसीबी के पास आ गई। अब इस मामले में एसीबी अनुसंधान कर रही है।
    गौरतलब है कि श्रम विभाग में संविदाकर्मियों द्वारा पहले भी रिश्वत लेने का मामला सामने आया था। वहीं जानकारी है कि श्रम विभाग से मिलने वाली छात्रवृति से भी भारी रिश्वत की लेन-देन होती रही है। एसीबी सभी मामलों की जांच में जुटी है।