एमसीडी ने अवैध निर्माण का नोटिस जारी किया था फिर भी जारी रहा निर्माण कार्य- दुर्गेश पाठक

in #new2 years ago

IMG-20220426-WA0001.jpgनई दिल्ली-आम आदमी पार्टी दिल्ली के सत्य निकेतन में गिरी इमारत के लिए भाजपा को ज़िम्मेदार ठहरा रही है। एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि आर.के पुरम विधानसभा के सत्य निकेतन में भाजपा दो इमारतों को जोड़ने के लिए अवैध निर्माण करवा रही थी। जर्जर हालत के कारण इमारत अचानक भराभराकर गिर गई, जिसमें दो मजदूरों की मौत हो गई और कई मजदूर गंभीर रूप से घायल हैं। खुद एमसीडी का कहना है कि 31 मार्च को अवैध निर्माण का नोटिस जारी किया था, बावजूद इसके निर्माण कार्य जारी रहा। यह सभी चीजें स्पष्ट करती हैं कि इसके पीछे भाजपा का लालच ज़िम्मेदार है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली पुलिस से घटना से जुड़े सभी दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कल आर.के पुरम विधानसभा क्षेत्र में सत्य निकेतन नाम के एक स्थान पर एक बहुत ही दर्दनाक घटना घटी। वहां की एक ईमारत में निर्माण कार्य चल रहा था, वह इमारत अचानक गिर गई। इमारत गिरने से 2 मजदूरों की तत्काल मौत हो गई और साथ ही अन्य कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। जो अस्पताल में ज़िंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ रहे हैं। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वह लोग जल्द से जल्द ठीक हों।उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे कौन-कौन ज़िम्मेदार है, यह समझना बहुत जरूरी है। इस घटना के पीछे जो एजेंसी ज़िम्मेदार है, वह भारतीय जनता पार्टी की एमसीडी और उनके नेता हैं। यह पूरा निर्माण कार्य 172 और 173 को जोड़कर एक करने के लिए हो रहा था। जो कि कानूनी तौर पर अवैध है। यह हम नहीं बल्कि खुद भाजपा की एमसीडी कह रही है। एमसीडी ने 31 मार्च को नोटिस जारी कर कहा कि यह निर्माण कार्य पूरी तरह अवैध है, यह निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है। बावजूद इसके निर्माण कार्य जारी रहा।इमारत के मालिक की जानकारी देते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि 172 नंबर का यह मकान नीलम वशिष्ठ जी के नाम पर है। वहां के निवासियों ने बताया कि भाजपा के एक शक्तिशाली नेता अनिल शर्मा, जो कि वहां के पूर्व विधायक हैं, पार्षद भी रहे हैं और पिछले 2 चुनावों में भाजपा के उम्मीदवार भी रहे हैं। नीलम वशिष्ठ उनके भांजे की धर्मपत्नी हैं। इसका मतलब यह है कि यदि एमसीडी का नोटिस 31 मार्च को जारी हुआ, यदि उसके बाद भी यह अवैध कार्य जारी है तो स्पष्ट है कि यह अवैध निर्माण कार्य भाजपा करवा रही है। अन्यथा 2 घरों को मिलाने का इतना बड़ा निर्माण कार्य खुद एमसीडी कर ही नहीं सकती है। यह हम पूरी ज़िम्मेदारी से कह रहे हैं।
हैरानी जताते हुए ‘आप’ नेता ने कहा कि इस घटना को 24 घटों से अधिक समय हो गया है लेकिन अभीतक एक भी दोषी की गिरफ्तारी नहीं हुई है और न ही किसी को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। अभीतक किसी को नोटिस तक जारी नहीं किया गया है। इससे आप समझ सकते हैं कि पुलिस पर भी भाजपा का दबाव है। कल की यह घटना हत्या है और इसके पीछे भाजपा, भाजपा के नेता, उनका लालच, उनकी गुंडागर्दी और उनकी घूस ज़िम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि भाजपा बिना नोटिस के लोगों के घर तुड़वा रही है। बिना नोटिस दिए दिल्ली वालों को उनके घर से बाहर निकाल दिया गया है। लोगों से कह रहे हैं कि हमें पैसे दो नहीं तो तुम्हारा घर तुड़वा देंगे। जबकि इस मामले में तो 31 मार्च को नोटिस दिया गया था लेकिन अवैध निर्माण अभी तक जारी है। स्पष्ट है कि भाजपा ने इसमें कोई घूस खाई है। या भाजपा अपने परिवार के लालच को छुपाने के लिए यह सारा निर्माणकार्य कर रही है। मैं दिल्ली पुलिस से आवाहन करता हूं और आम आदमी पार्टी यह मांग करती है कि सभी दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करके सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अगले कुछ दिनों के अंदर यदि इसमें किसी की गिरफ्तारी नहीं होती है तो इसका सीधा मतलब यह है कि इस घटना में पूरी तरह भाजपा का हाथ है।
हमारे साथ पर्मिला टोकस जी मौजूद हैं, जबसे यह घटना घटी है, वह घायल हुए लोगों को अस्पताल गईं। जो इमारत गिरी थी, उन्होंने उसे हटवाने का काम किया। मैं चाहुंगा कि वह कल की घटना के बारे में अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा करें।
पर्मिला टोकस ने कहा कि खुद वहां के मेयर ने कहा कि 15 दिन पहले इमारत जर्जर होने का नोटिस लगाया गया था। जब इमारत जर्जर हालत में थी तो वहां निर्माण कार्य किस प्रकार हो रहा था? स्थानीय लोगों का कहना है कि इमारत में बेसमेंट खोदा जा रहा था, जिसके कारण दीवारों पर दरारे पड़ गईं। स्थानीय निगम पार्षद मनीष अग्रवाल, जो वहां के पूर्व विधायक भी हैं, लोगों ने बताया कि यह इमारत उन्हीं के परिवार की है। जब यह इमारत गिरी तो ना मुझे एमसीडी का कोई अधिकारी दिखाई दिया और ना ही अनिल शर्मा जी के परिवार से कोई नज़र आया। जो हाल 173 का था, वही हाल 172 का है, जाहिर है कुछ दिनों में वहां भी ऐसी ही घटना घटने वाली है। हम मांग करते हैं कि सभी मृतकों के परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए। और सभी दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।