शादी के चार दिन बाद दिया नवजात को जन्म , पति ने नहीं अपनाया नवजात

in #new2 years ago

CHILD.jpg--नवजात को दे दिया गोद ,दूसरी मां पहुंची अस्पताल तो खुल गई पोल ,
--बाल कल्याण समिति ने दर्ज कराया गैर कानूनी गोद लेने का मामला
चित्तौडग़ढ़। चित्तौडग़ढ़ के महिला एवं बाल चिकित्सालय में गैर कानूनी तरीके से नवजात बालक को गोद लेने का मामला सामने आया है। इस मामले में बाल कल्याण समिति ने किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 80 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई है। मामला चित्तौड़गढ़ ज़िले के निम्बाहेड़ा का होने के कारण सदर थाने में जीरो एफआईआर होकर निम्बाहेड़ा पुलिस जांच कर रही है। मामला यूं हुआ कि राशमी क्षेत्र के एक महिला के विवाह पूर्व संबंधों के कारण गर्भ ठहर गया और उसके परिजनों ने मध्यप्रदेश के एक व्यक्ति के साथ उसका विवाह करवा दिया। विवाह के कुछ दिनों बाद ही युवती के प्री-मेच्योर शिशु का जन्म हुआ लेकिन पिता द्वारा बच्चे को स्वीकार नहीं किये जाने पर उसे निम्बाहेड़ा के ही निजी अस्पताल में एक व्यक्ति की मध्यस्ता करवाकर गोदनामा लिखवाकर जरूरतमंद व्यक्ति को गोद दे दिया। प्री-मेच्योर शिशु होने के कारण उसे चिकित्सालय में भर्ती कराया जहां से इलाज के लिए चित्तौडग़ढ़ के महिला एवं बाल चिकित्सालय रेफर कर दिया। पिछले माह नवजात को गोद लेने वाली मां जब उसे अस्पताल लेकर आई तो बार बार नाम बदलने से डॉक्टरों को मामला संदिग्ध लगा और उन्होंने बाल कल्याण समिति को सूचना दी।
बाल कल्याण समिति के रमेश दशोरा ने पूछताछ की तो महिला ने उसे गोद लेने की बात बता दी और गोदनामा दिखाया जिस पर गैर कानूनी तरीके से नाबालिग को गोद लिए जाने के मामले में बाल कल्याण समिति ने बच्चे का अपने संरक्षण में लेकर एफआईआर दर्ज करा दी। करीब 20 दिन बाद नवजात को डाक्टरों ने बाल कल्याण समिति को सौंप दिया है। इल्लीगल एडोप्शन से जुड़ा होने के कारण इस मामले की सदर थाने में एफआईआर कराई गई है।

रूपयों के लेन-देन की भी पुलिस करेगी जांच
इस संबंध में बाल कल्याण समिति के सदस्य रमेश कुमार दशोरा ने बताया बच्चे के माता-पिता की जानकारी लेने पर पता लगा है कि नवजात की मां विवाह से पहले ही गर्भवती थी और प्री-मेच्योर डिलेवरी होने पर माता-पिता दोनों ने बच्चे को किसी और को देने का फैसला किया था और गोदनामा बनाकर एक महिला को अपना बच्चा सौंप दिया। अब एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस यह भी जांच कर रही है कि बच्चे के बदले में रूपयों का लेनदेन तो नहीं हुआ है। इस संबंध में दशोरा ने बताया कि यदि मां बच्चे का नहीं रखना चाहती थी तो बाल कल्याण समिति या पालना गृह में सौंप सकती थी लेकिन नाबालिग को गैरकानूनी तरीके से गोद लिया जाना अपराध है इसलिए किशोर न्याय अधिनियम की धारा 80 , 81 , 87 व 370 ए में अपराध होना पाये जाने पर यह प्रथम सूचना रिपोर्ट कराई गई है। अब इस मामले की जांच निम्बाहेड़ा पुलिस कर रही है।
20 दिन इलाज के बाद नवजात स्वस्थ
बाल कल्याण समिति से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रि मेच्योर डिलेवरी होने के कारण नवजात सिर्फ १२१७ ग्राम का था और बेहद कमजोर था। जन्म देने वाले माता ने गैर कानूनी तरीके से गोदनामा बनाकर बच्चे का गोद दे दिया इसलिए यह मामला सामने आया था। पूछताछ में जानकारी मिली थी कि महिला ने निम्बाहेड़ा में इस बच्चे का जन्म दिया था। अब इस मामले में गोद लेने वाले दम्पत्ति और गोद देने वाली महिला के खिलाफ प्रकरण दर्ज होने के बाद जांच की जा रही है। CHILD 01.jpg