पांच शिक्षक और दो कर्मचारी मिले गैरहाजिर

आगरा 14 अगस्त : (डेस्क) फिरोजाबाद। एका ब्लॉक के कृष्णा आदर्श जूनियर हाईस्कूल मधीपुर का खंड शिक्षाधिकारी श्रीकांत पटेल ने निरीक्षण किया। यहां पंजीकृत 95 बच्चों में से सिर्फ पांच ही उपस्थित मिले। जबकि पांच शिक्षक और दो कर्मचारी अनुपस्थित मिले।

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खंड शिक्षाधिकारी ने बताया कि स्कूल में सभी पंजीकृत बच्चों की उपस्थिति प्रतिदिन दर्ज की जा रही है, जिससे फर्जी छात्रों के पंजीकरण की आशंका बढ़ गई है। इसके अलावा, कई शिक्षक आपस में रिश्तेदार हैं और कुछ शिक्षक 10 से 20 दिन तक स्कूल नहीं आते हैं। इस स्थिति ने शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे में, शिक्षकों की अनुपस्थिति और छात्रों की वास्तविक संख्या की जांच आवश्यक है, ताकि शिक्षा के स्तर को सुधारने के उपाय किए जा सकें.

फर्जी छात्र पंजीकरण का शिक्षा प्रणाली पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है:

• शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट: फर्जी छात्रों के पंजीकरण से वास्तविक छात्रों की संख्या को छिपाया जा सकता है, जिससे स्कूलों को आवश्यक संसाधनों और शिक्षकों की संख्या में कमी का सामना करना पड़ता है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती है.
• सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग: फर्जी छात्रों के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया जा सकता है, जैसे कि छात्रवृत्तियाँ और अन्य सहायता योजनाएँ। यह वास्तविक जरूरतमंद छात्रों को वंचित कर सकता है.
• कानूनी कार्रवाई: यदि फर्जी पंजीकरण का मामला सामने आता है, तो संबंधित स्कूल के प्रिंसिपल और अन्य अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, जिससे उनकी नौकरी और प्रतिष्ठा पर खतरा मंडरा सकता है.
• विश्वास में कमी: फर्जी पंजीकरण से शिक्षा प्रणाली पर जनता का विश्वास कमजोर होता है, जिससे अभिभावकों और समुदायों में शिक्षा के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण विकसित हो सकता है.

इन प्रभावों को रोकने के लिए सख्त निगरानी और जांच की आवश्यकता है।