नीट में झांसी के युवाओं का कमाल: गांव की पहली डॉक्टर बनेंगी स्वेता
झांसी के युवाओं ने नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट) में कमाल कर दिया। स्वेता यादव अपने गांव और कुनबे की पहली डॉक्टर बनेंगी। जबकि डॉक्टर दंपती का बेटा ध्रुव भी डॉक्टर बनेगा। ऐसे ही कई युवाओं के सपनों को पंख लगे हैं। एमबीबीएस, डेंटल, आयुष और विभिन्न मेडिकल कॉलेज में स्नातक कक्षाओं में प्रवेश के लिए 17 जुलाई 2022 को नीट (यूजी) की परीक्षा हुई थी। इसके परिणाम राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा जारी किए गए।
किसान परिवार में जन्मी स्वेता यादव बबीना के बनगुआं गांव की रहने वाली हैं। नीट परीक्षा के पहले ही प्रयास में उनको सफलता मिल गई। श्वेता बताती हैं कि “मैंने बहुत बुरे दिन देखें हैं। लेकिन पिता मुकेश यादव के हौसलों ने मुझे हारने नहीं दिया। एक समय था जब मेरे पास ऑनलाइन क्लास के लिए मोबाइल नहीं था। तब चाचा ने मदद की। चाचा के मोबाइल से क्लास अटेंड करके तैयारी की। मैं अपने गांव और कुनबे की पहली लड़की हूं, जो डॉक्टर बनूंगी। मेरी 10,469वीं रेंक आई है।
शिवाजी नगर निवासी मोहम्मद इकबाल के दो बच्चों में छोटी पुत्री अलीजा इकबाल का बचपन का सपना नीट परीक्षा के साथ ही पूरा हो गया है। अलीजा बताती हैं कि “एक साल की कोचिंग के बाद पिछले साल नीट परीक्षा दी थी। लेकिन कुछ अंक से रह गई थी। फिर सेल्फ स्टडी की। घर पर यू-ट्यूब की मदद से पढ़ाई की। आज सफलता मिल गई। मेरी 15115 वीं रेंक आई है।” उनके पिता शिक्षक और माँ गृहणी हैं। माता-पिता के बाद बेटा भी डॉक्टर चिकित्सकीय परिवेश में पले बढ़े सीपरी बाजार के ध्रुव निगम के पिता डॉ अनु निगम और माँ डॉ पारुल निगम दोनों ही डॉक्टर हैं। ध्रुव ने नीट परीक्षा में 816वीं रेंक हासिल की। इससे पहले ध्रुव ने 10वीं और 12वीं में जिला टॉप किया था। ध्रुव बताते हैं कि “मेरा बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना था। अच्छी बात यह रही कि मेरी माता-पिता ने पढ़ाई में हेल्प की।” सीआरपीएफ जवान की बेटी बनेगी डॉक्टर पालर गांव की रूचि यादव का बचपन का सपना पूरा हो गया। उनके 720 में 618 अंक आए हैं। रूच यादव के पिता जयहिंद सीआरपीएफ में जवान है। रूचि का कहना है कि “मेरे माता-पिता का सपना था कि मैं डॉक्टर बनू। मैं भी यही चाहती थी। नीट परीक्षा पास करने पर मेरा व परिवार का सपना पूरा हो गया।”