राज्यसभा की 16 सीटों पर वोटिंग आज... चार राज्यों में क्या है वोटों का गणित, यहां समझिए

in #navbharat2 years ago

लंबे समय से अपने- अपने विधायकों को होटल और रिसॉर्ट में रखने की टेंशन आज दूर हो जाएगी। राज्यसभा की 4 राज्यों की 16 सीटों पर शुक्रवार वोटिंग होगी। वोटिंग से पहले तक निर्दलीय और छोटे दलों ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
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वोटिंग से ठीक पहले अनिल देशमुख और नवाब मलिक को वोट देने की अनुमति नहीं मिली
चार राज्यों की 16 राज्यसभा सीटों की डाले जाएंगे वोट, आज ही आएंगे नतीजे
राजस्थान में सुभाष चंद्रा के दावे ने कांग्रेस की बढ़ाई टेंशन, हरियाणा में भी क्रॉस वोटिंग का डर
वक़्त नहीं है?

Rajya Sabha Election

नई दिल्ली: चार राज्यों की 16 राज्यसभा सीटों (Rajya Sabha Election) के लिए आज ( शुक्रवार) वोट डाले जाएंगे। अंतिम समय तक निर्दलीय विधायकों और छोटे दलों के पत्ते नहीं खोलने से चुनाव काफी रोचक हो गया है। विधायकों के खरीद-फरोख्त की डर से विभिन्न राजनीतिक दल अपने-अपने विधायकों को होटल और रिसॉर्ट (Resort Politics For Rajya Sabha Election) में पिछले कई दिनों से रखे हुए हैं। महाराष्ट्र में वोटिंग से एक दिन पहले तय हो पाया कि कौन राज्यसभा में वोट दे पाएगा। जेल में बंद अनिल देशमुख और नवाब मलिक को वोट देने की अनुमति नहीं मिली। उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पंजाब, तेलंगाना, झारखंड और उत्तराखंड में सभी 41 उम्मीदवारों को पिछले शुक्रवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था। वहीं हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक की 16 सीटों के लिए (Voting For 16 Seats) उम्मीदवारों की संख्या अधिक होने से वोटिंग होगी। इन 4 राज्यों की क्या है स्थिति एक नजर

महाराष्ट्र में 6 सीट और मैदान में उम्मीदवार 7
महाराष्ट्र में छह सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। नतीजे आज ही आ जाएंगे। राज्य में करीब दो दशक से अधिक समय के बाद राज्यसभा चुनाव होगा, क्योंकि 6 सीट के लिए 7 उम्मीदवार मैदान में हैं। सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी - शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस - ने अपने विधायकों को मुंबई के विभिन्न होटलों और रिसॉर्ट में रखा है। बताया जा रहा है कि मतदान शुरू होने से ठीक पहले राज्य विधानसभा के लिए रवाना होंगे। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अनिल बोंडे, धनंजय महादिक (BJP),प्रफुल्ल पटेल (NCP),संजय राउत और संजय पवार (शिवसेना) और इमरान प्रतापगढ़ी (कांग्रेस) छह सीट के लिए चुनाव मैदान में हैं। छठी सीट पर मुकाबला महादिक और शिवसेना के पवार के बीच है।
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शिवसेना के 55 विधायक, एनसीपी के 53, कांग्रेस के 44, भाजपा के 106, बहुजन विकास आघाड़ी (बीवीए) के तीन, समाजवादी पार्टी, एआईएमआईएम और प्रहार जनशक्ति पार्टी के दो-दो, मनसे, माकपा, पीडब्ल्यूपी, स्वाभिमानी पार्टी, राष्ट्रीय समाज पक्ष, जनसुराज्य शक्ति पार्टी, क्रांतिकारी शेतकारी पार्टी के एक-एक, और 13 निर्दलीय विधायक हैं। एमवीए के सहयोगी और भाजपा दोनों ही छोटी पार्टियों और निर्दलीय विधायकों के 25 अतिरिक्त वोटों पर भरोसा कर रहे हैं, ताकि उनके उम्मीदवार छठी सीट के लिए जीत हासिल कर सकें।

राजस्थान में सुभाष चंद्रा के दावे ने कांग्रेस की बढ़ाई टेंशन
राजस्थान में राज्यसभा की चार सीट के लिए मतदान होना है। कांग्रेस ने मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी को चुना है। कांग्रेस 2 और भाजपा आराम से एक सीट जीत जाएगी। मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा ने भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। सुभाष चंद्रा ने यह दावा करते हुए कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी कि आठ विधायक उनके पक्ष में क्रॉस वोट करेंगे और उनकी जीत होगी।

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दो सौ-सदस्यीय राज्य विधानसभा में वर्तमान में कांग्रेस के 108 विधायक हैं और तीन सीट जीतने के लिए 123 मतों की जरूरत है। दो विधायकों वाली भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने इसे समर्थन दिया है। कांग्रेस 13 निर्दलीय और राष्ट्रीय लोक दल के एक विधायक के समर्थन का भी दावा कर रही है, जो वर्तमान में राज्य मंत्री हैं। वहीं, भाजपा के पास 71 विधायक हैं। अपने पार्टी प्रत्याशी की जीत के बाद भाजपा के पास 30 अतिरिक्त वोट बचे रहेंगे, जो सुभाष चंद्रा के साथ जाएगा। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के तीन विधायकों ने भी चंद्रा को समर्थन दिया है। चंद्रा को जीत के लिए आठ और विधायकों की जरूरत है।

हरियाणा में एक भी वोट इधर-उधर हुआ तो मुश्किल में कांग्रेस
हरियाणा में दो सीट के लिए मतदान होगा और इस बीच सत्तारूढ़ भाजपा और उसके कुछ सहयोगी जजपा के विधायकों को चंडीगढ़ के पास एक रिसॉर्ट में रखा गया। खरीद-फरोख्त की आशंका के बीच कांग्रेस विधायक भी छत्तीसगढ़ के एक रिसॉर्ट में ठहरे थे। कांग्रेस की हरियाणा में विधायक छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित एक रिसॉर्ट से निकल गए हैं और शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान शुरू होने से कुछ घंटे पहले यहां पहुंचने की उम्मीद है। हरियाणा से राज्यसभा की जिन दो सीटों के लिए चुनाव होना है उनमें से एक पर मुकाबला बढ़ गया है।

​2021 में कांग्रेस ने बनाया अल्पसंख्यक विंग का अध्यक्ष
सियासत को अभी दो साल भी पूरे नहीं हुए थे कि 2021 में उन्हें कांग्रेस के अल्पसंख्यक विंग का अध्यक्ष बना दिया गया। इमरान कहते हैं, 'मैं मंचों से लोगों के हक की आवाज उठाता था, लेकिन कुछ बड़ा करने के लिए आपको सिस्टम बदलना पड़ता है। इसी इरादे से मैं सियासत में आया।'

​प्रियंका गांधी तक सीधे पहुंच
इमरान ने इस दौरान शीर्ष नेतृत्व तक अपनी मजबूत पहुंच बना ली। उन्हें उन कुछेक लोगों में गिना जाता है, जिनकी सीधी पहुंच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा तक है। संभवत: इसी का नतीजा रहा कि जब राज्यसभा की उम्मीदवारी तय होने लगी तो उसमें एक नाम इमरान प्रतापगढ़ी का भी था, जो बहुतों के लिए चौंकाने वाला भी साबित हुआ।

90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में 40 विधायकों वाली भाजपा के पास सीधी जीत के लिए आवश्यक 31 प्रथम वरीयता के वोटों से नौ अधिक हैं, लेकिन मीडिया क्षेत्र से जुड़े कार्तिकेय शर्मा के मैदान में उतरने के साथ ही दूसरी सीट के लिए चुनाव दिलचस्प हो गया है। उन्हें भाजपा-जजपा गठबंधन, अधिकांश निर्दलीय और हरियाणा लोकहित पार्टी के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा का समर्थन प्राप्त है। भाजपा ने पूर्व मंत्री कृष्ण लाल पंवार को मैदान में उतारा है, जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।
राज्य विधानसभा में कांग्रेस के 31 सदस्य हैं, जो उसके उम्मीदवार को एक सीट जीतने में मदद करने के लिए पर्याप्त है। क्रॉस वोटिंग की स्थिति में इसकी संभावनाएं खतरे में पड़ सकती हैं।

कर्नाटक में क्या देवेगौड़ा को मिलेगा कांग्रेस का साथ
कर्नाटक में मुख्य विपक्षी कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा की जद (एस) चौथी सीट पर चुनावी जंग लड़ रही है, लेकिन यदि उनमें से एक ने दूसरे का समर्थन किया तो एक की जीत सुनिश्चित हो सकती है। चार सीट के लिए कुल मिलाकर छह उम्मीदवार मैदान में हैं, जिससे चौथी के लिए कड़ी टक्कर नजर आ रही है। संख्या नहीं होने के बावजूद, भाजपा, कांग्रेस और जद (एस) ने इस सीट के लिए उम्मीदवार खड़े किए हैं, जिससे चुनाव के लिए मजबूर होना पड़ा है। एक उम्मीदवार को एक आसान जीत के लिए 45 प्रथम वरीयता वोटों की आवश्यकता होती है, और विधान सभा में अपनी ताकत के आधार पर, भाजपा दो और कांग्रेस एक सीट जीत सकती है।

चुनाव मैदान में छह उम्मीदवारों में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, अभिनेता-नेता जग्गेश और भाजपा के निवर्तमान एमएलसी लहर सिंह सिरोया, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और कांग्रेस के राज्य महासचिव मंसूर अली खान और जद (एस) के पूर्व सांसद डी कुपेंद्र रेड्डी हैं। दो राज्यसभा उम्मीदवारों (सीतारमण और जग्गेश) को अपने दम पर निर्वाचित कराने के बाद, भाजपा के पास अतिरिक्त 32 वोट बचे रहेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश को विजयी बनाने के बाद कांग्रेस के पास 24 अतिरिक्त वोट बचेंगे। जद (एस) के पास केवल 32 विधायक हैं, जो एक सीट जीतने के लिए पर्याप्त नहीं है।