बसपा के पूर्व महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर कोर्ट ने लगाया जुर्माना, जानें क्यों?

in #naseemuddin2 years ago

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धरना-प्रदर्शन के दौरान सड़क घेरकर आवागमन अवरुद्ध करने के एक मामले में तत्कालीन बसपा महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत 5 आरोपियों को एमपी/ एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने दोषी ठहराते हुए प्रत्येक को 25- 25 सौ रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा है कि जुर्माने की रकम जमा न करने पर आरोपियों को 15 दिन का अतिरिक्त कारावास दिया जाएगा।

मामले की सुनवाई के समय आरोपी नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर, नौशाद अली, अतर सिंह राव एवं मेवा लाल गौतम व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर है। अदालत ने सभी पांचों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया तथा सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए मामले को अपरान्ह प्रस्तुत करने का आदेश दिया। सजा के बिंदु पर सुनवाई के समय आरोपियों की ओर से कहा गया कि वह वरिष्ठ नागरिक हैं तथा राजनीतिक व्यक्ति होने के कारण उन्हें कम से कम सजा दी जाए जबकि अभियोजन की ओर से एपीओ सोनू सिंह राठौर ने आरोपियों को अधिक से अधिक सजा देने की मांग की ।

अदालत ने सभी आरोपियों को विधि विरुद्ध जमाव एवं मार्ग अवरुद्ध करने के आरोप में 25- 25 सौ रुपए के जुर्माने की सजा सुनाते हुए कहा है कि अर्थदंड जमा न करने पर सभी आरोपियों को 15 दिन का अतिरिक्त कारावास दिया जाएगा। जिसके उपरांत सभी आरोपियों की ओर से न्यायालय के समक्ष अर्जी प्रस्तुत कर अनुरोध किया गयाहै कि अर्थदंड की धनराशि को जमा करने के लिए समय प्रदान किया जाए।जिस पर अदालत ने अनुरोध को स्वीकार करते हुए अर्थदंड जमा करने हेतु 15 दिन का समय प्रदान कर दिया है।

पत्रावली के अनुसार इस मामले की रिपोर्ट उप निरीक्षक शिवा साकेत सोनकर ने 21 जुलाई 2016 को हजरतगंज थाने में दर्ज करा कर कहा था कि तत्कालीन भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह द्वारा दिए गए बयानों के विरोध में नारेबाजी करते हुए बहुजन समाज पार्टी के करीब 4- 5 हजार कार्यकर्ता हजरतगंज चौराहे से निकलकर विधानसभा के सामने मार्ग अवरुद्ध कर दिया है। जिससे आने जाने वाले लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ा।विवेचना के बाद पुलिस ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत अन्य के खिलाफ 21 जून 2017 को कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था।

अदालत की टिप्पणी

अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि गवाहों के बयान से स्पष्ट है कि 21 जुलाई 2016 को 4- 5 हजार की भीड़ के चलते हजरतगंज से विधानसभा तक का मार्ग अवरुद्ध हो गया था। जिसके चलते सामान्य यातायात प्रभावित हुआ था।इस भीड़ का नेतृत्व अभियुक्त गण नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर, नौशाद अली ,अतर सिंह राव एवं मेवा लाल गौतम द्वारा किया जा रहा था तथा यह पांचों अभियुक्त विधि विरुद्ध जमाव के सदस्य थे। जनता के लोगों को कठिनाइयों एवं दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अदालत ने यह भी कहा है कि लोगों को मार्ग के अधिकार के उपयोग से वंचित होना पड़ा तथा बिना अनुमति विरोध प्रदर्शन करने के लिए इतनी बड़ी भीड़ एकत्रित करना अन्य अपराध के अंतर्गत आता है।