जेएनयू असिस्टेंट गर्भवती प्रोफेसर ने कुलपति और रेक्टर पर लगाए गंभीर आरोप
जेएनयू असिस्टेंट गर्भवती प्रोफेसर ने कुलपति और रेक्टर पर लगाए गंभीर आरोप
8 महीने की गर्भवती महिला प्रोफेसर ने रेक्टर और कुलपति पर मानसिक शारीरिक प्रतारना का लगाया आरोप । प्रतारणा के खिलाफ थाने मे शिकायत दी लेकिन पुलिस ने नहीं किया मुकदमा दर्ज। जेएनयू शिक्षक संघ ने दी चेतावनी महिला प्रोफेसर को इंसाफ मिले नहीं तो शिक्षक संघ सड़कों पर उतरेगा
JNU से एक चौका देने वाली खबर सामने आई है 8 महीने की गर्भवती महिला प्रोफेसर ने जेएनयू के रेक्टर के खिलाफ शारीरिक मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है. इसके साथ ही इस पूरे आरोप में कैंपस के वाइस चांसलर के खिलाफ भी आरोप लगाया है. अपने सभी आरोपों को लेकर गर्भवती महिला प्रोफेसर वसंत कुंज थाने भी गई थी लेकिन इनका कहना है कि वसंत कुंज थाने में इनके दिए गए शिकायत पर एफ आई आर दर्ज नहीं की है, सिर्फ इनकी शिकायत को रिसीव किया है. इस पूरी घटना को jnuta एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पीड़िता प्रोफेसर की बातों को मीडिया के सामने रखा है. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिन पहले रेक्टर द्वारा मानसिक रूप से इतना प्रतारीत किया गया कि मै वहाँ पर बेहोश हो गयी और फिर मुझे अस्पताल मे इमरजेंसी मे कई दिनों तक भर्ती रहना पड़ा था.असिस्टेंट प्रोफेसर ने जो आरोप लगाए हैं उनकी स्थिति को हुए यह एक गंभीर आरोप है. पीड़िता प्रोफेसर ने प्रेस के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री महिला आयोग के अलावा तमाम संस्थानों से मदद मांगी है. इन के शिकायत के बाबत जेएनयू के मुख्य पद पर आसीन दोनों लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए.
यह पूरी प्रेस वार्ता कैंपस के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठे छात्रों के बीच में की गई कॉन्फ्रेंस में अपने प्रोफ़ेसर की आपबीती सुनने के बाद यहां के छात्र बेहद खफा है. कैंपस में पढ़ने वाली छात्रा एवं छात्र ने कहां की JNU campus अब महिला फ्रेंडली नहीं रहा.इस कैंपस में अब प्रशासन डेमोक्रेटिक नहीं बल डिक्टेटरशिप के तर्ज पर काम कर रही है.।